रेवाड़ी न्यूज़: स्कूल में हमारे दोस्त अलग थे. हायर स्टडी में नए दोस्त और जुड़ जाते हैं. हालांकि स्कूली दोस्तों से मुलाकात कम हो जाती है, लेकिन आगे बढ़ने पर नए रिश्ते बन जाते हैं. इसी तरह प्रोफेशनल लाइफ में नए दोस्त मिल जाते हैं. दोस्ती एक भावनात्मक रिश्ता है, जो लोगों से सोशल कनेक्शन बनाता है. किसी एक पर निर्भरता न रखें, इससे दूरी बढ़ने पर अकेलापन और तनाव बढ़ने लगता है. पुराने को नहीं छोडे़ं.
यदि आपकी दिनचर्या बहुत व्यस्त है तो अपने मी टाइम में से कुछ मिनट दोस्तों के नाम करें. इस समय में आप अपने दोस्त से बातचीत कर सकते हैं. संबंधों को समय-समय पर बातचीत की खाद देते रहें. तकनीक के युग में वीडियो कॉलिंग से दूर-दाज बैठे दोस्त को भी करीब पा सकते हैं. यह भी ध्यान रखें कि संबंध तब अच्छे होते हैं, जब आप अच्छे श्रोता हाें. यदि आप बहुत डिमांडिंग हैं, तो दोस्त बात करने से कतराने लगते हैं.
फैमिली में बढ़ाएं भागीदारी
रिश्तों की प्रगाढ़ता के लिए परिवारों को भी शामिल करना चाहिए. पति-पत्नी के यदि कॉमन फ्रैंड्स हैं, तो कई बार दांपत्य जीवन के तनाव को भी दूर करने में दोस्त महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. एक-दूसरे की दोस्ती को लेकर यदि कोई मतभेद है तो पति-पत्नी को उसे आपसी बातचीत से सुलझा लेना चाहिए. दोस्ती जीवन में मधुरता घोलने का काम करती है.
मल्टीपल रिलेशनशिप सेे बढ़ेगी पॉजिटिविटी
हर इंसान से रिलेशनशिप के टाइप्स अलग-अलग हो सकते हैं. इसलिए जीवन में सकारात्मकता बढ़ाने के लिए मल्टीपल रिलेशनशिप होनी चाहिए. कुछ प्रोफेशनल रिलेशनशिप हो सकती है, तो कुछ पर्सनल. जीवन में हर दोस्त जरूरी होता है. सभी के अलग-अलग काम होते हैं. उम्र के साथ दोस्त बनाना, एक लाइफ स्किल के रूप में विकसित करना चाहिए. संबंधों को मजबूत बनाना चाहिए, ताकि आप कभी अकेले न पड़ें.
-डॉ. सत्यकांत त्रिपाठी, मनोचिकित्सक