मुंगेर न्यूज़: सड़क दुर्घटना में अज्ञात युवक की मौत की शाम हो गई थी. शव की शिनाख्त नहीं होने पर कोतवाली थाना की पुलिस ने पहचान के लिए 72 घंटे तक शव को सुरक्षित रखने का आवेदन अस्पताल उपाधीक्षक को दिया था. लेकिन पोस्टमार्टम हाउस के कर्मियों ने लापरवाही बरतते हुए पोस्टमार्टम हाउस में शव को खुले में छोड़ दिया. जिसके बाद की की रात परिजनों ने देखा की कुत्तों ने क्षत विक्षत कर दिया.
हंगामा के बाद अस्पताल पहुंचे एसडीओ पहचान होने पर मृतक मिन्नतनगर निवासी मो. अनवर के परिजन जब अस्पताल पहुंचे तो आवारा कुत्ते शव को नोंच रहे थे. यह दृश्य देख परिजन आक्रोशित हो गए. आक्रोशित परिजनों ने की सुबह पोस्टमार्टम हाउस के बाहर जमकर हंगामा किया. हंगामा की सूचना पर सदर एसडीओ यतिन्द्र कुमार पाल के अलावा कोतवाली सहित कई थानों की पुलिस अस्पताल पहुंची. एसडीओ ने आक्रोशित परिजनों को समझा बुझा कर शांत किया.
एसडीओ ने स्वास्थ्य कर्मियों की लापवरवाही को स्वीकार किया एसडीओ ने माना कि स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण इस तरह का कृत्य हुआ है. इस मामले की जांच कराई जाएगी औरं दोषी कर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी. साथ ही मृतक के आश्रित को पारिवारिक लाभ योजना के तहत सरकारी प्रावधान के अनुसार 5 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने और तत्काल कबीर अन्तयेष्टि योजना के तहत 3 हजार नगद राशि दिए जाने के आश्वासन पर परिजन शांत हुए. सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट होने पर हुई अज्ञात शव की पहचान दरअसल अज्ञात शव की पहचान के लिए कोतवाली थाना द्वारा मृतक की फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर वायरल किया गया था. जिसकी पहचान पूरबसराय ओपी के मिन्नतनगर निवासी मो. इदरीस के 35 वर्षीय पुत्र मो. अनवर के रूप में परिजनों ने की.
पहचान होने पर परिजन रात 11 बजे ही अस्पताल पहुंच कर शव की मांग की. लेकिन वहां तैनात सुरक्षा गार्ड द्वारा पोस्टमार्टम हाउस में ताला लगा रहने का हवाला देकर बॉडी लेने के लिए सुबह 8 बजे आने की बात कही गई. सुबह 8.30 बजे जब पोस्टमार्टम हाउस का ताला खुला तो अंदर खुले में रखा शव क्षतविक्षत हो चुका था. वहां चार कुत्ते शव को नोंच रहे थे. यह दृश्य देख परिजन आक्रोशित होकर हंगामा करने लगे. शव सुरक्षित रखने के लिए अस्पताल के पास है 2 एयरकंडीशंड कॉफिन शव को सुरक्षित रखने के लिए सदर अस्पताल के पास 2 एयरकंडीशंड कॉफिन भी है. जिसे डीएम के आदेश पर भारतीय रेड क्रास सोसाइटी द्वारा 20 फरवरी को ही सिविल सर्जन को हैंडओवर कर दिया गया था. परंतु दोनों काफिन को हंगामा के बाद स्टॉल किया गया.