बिहार

CBI छापेमारी में पटना के घर से दस्तावेज बरामद

Admin4
27 July 2022 12:41 PM GMT
CBI छापेमारी में पटना के घर से दस्तावेज बरामद
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पटना. जमीन के बदले नौकरी घोटाले मामले (Land For Job Scam) में जांच एजेंसी सीबीआई ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) के करीबी और उनके रेल मंत्रित्वकाल के दौरान उनके ओएसडी (OSD) रहे भोला यादव (Bhola Yadav) को बुधवार को दिल्ली में गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने इस मामले में रेलवे कर्मचारी के तौर पर पटना के राजेन्द्र नगर टर्मिनल पर कार्यरत हृदयानंद चौधरी को भी गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने दोनों को कोर्ट में पेश किया. सीबीआई ने इनकी 10 दिनों की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने दोनों को दो अगस्त तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है.

वहीं, सीबीआई ने बुधवार को भोला यादव के चार ठिकाने पर छापेमारी भी की जिनमें से पटना में दो और दरभंगा में दो जगह शामिल हैं. पटना (Patna) में भोला यादव के घर पर सीबीआई की छापेमारी लगभग आठ घंटे तक चली. इस दौरान सीबीआई की टीम ने भोला यादव के घर से बरामद दस्तावेज को कॉपी करने के लिए पास के ही एक दुकान से पोर्टेबल फोटो स्टेट मशीन मंगवाया और एक-एक दस्तावेज की फोटो कॉपी की.

छापेमारी के शामिल सीबीआई के दो सदस्य कारवाई के दौरान भोला यादव के ठिकाने से सीबीआई कार्यालय रवाना हो गए. जबकि चार सदस्य कारवाई पूरी होने के बाद भोला यादव के घर से मिले सबूतों से जुड़ी एक फाइल सीबीआई की टीम अपने साथ ले गई.

दरअसल सीबीआई की टीम ने जिस मामले में बुधवार को यह कारवाई की है वो रेलवे भर्ती घोटाला मामले से जुड़ा हुआ है. वर्ष 2004 से 2009 के बीच जब लालू यादव रेल मंत्री थे तब भोला यादव उनके ओएसडी थे. आरोपों के अनुसार लालू यादव ने तब नौकरी लगवाने के बदले अभ्यर्थियों से जमीन और प्लॉट लिये थे. इस मामले में बीते 18 मई को सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव समेत अन्य लोगों के खिलाफ एफआईर दर्ज की थी. इसी साल मई में एक साथ 17 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. आरोप यह है कि रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी के बदले पटना में प्रमुख संपत्तियों को लालू परिवार के सदस्यों को बेची या गिफ्ट में दी गई थी.

बता दें कि लालू यादव बेहद करीबी माने जाने वाले भोला यादव ने आरजेडी के टिकट पर 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में दरभंगा की बहादुरपुर सीट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी. हालांकि, 2020 में उन्होंने अपनी सीट को बदलते हुए दरभंगा जिले के ही हयाघाट से चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें हार मिली थी.

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