bihar: बिहार के मेडिकल कॉलेजों में फर्जी हाजिरी लगा रहे डॉक्टर
बिहार Bihar: की सरकारी सरकार में विपक्ष की खबरें आम बात हैं। अब डेट्स वाली सच्चाई सामने आई है। 23 दिन के कार्यदिवस में दार्शनिकों ने 26 दिन से 28 दिन की ड्यूटी कर ली। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की जांच में मेडिकल इंजीनियरों और इंजीनियरों द्वारा बायोकैमिकल कमीशन की जांच का खुलासा हुआ है। इसके बाद एनएमसी ने सभी मेडिकल प्रयोगशालाओं की कार्यशालाओं को शामिल करने का पत्र लिखा है।मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स और इंजीनियरों instruments and engineers के लिए आधार आधारित बायो-इंजीनियरिंग लगाना अनिवार्य है, जिसका अवलोकन एनएमसी स्वयं करता है। जांच में पाया गया कि मेडिकल सुपरमार्केट में डॉक्टर और टीचर फ़र्ज़ी प्रिंट प्रिंट्स का इस्तेमाल कर नकली बनाए जा रहे हैं। एनएमसी का कहना है कि यह भयानक मामला है। आयोग ने सभी मेडिकल बिल्डरों के प्रमुखों से इस पर तत्काल नामांकन को कहा है।
एनएमसी ने सभी मेडिकल प्रयोगशालाओं को निर्देश दिए हैं कि वे अपने यहां रेलवे की फोटो सहित अपडेट Updates with photos करने का निर्देश वेबसाइट पर अपलोड करें। वेबसाइट पर विभागवार सचिवालय के अलावा अधीक्षक, उपाधीक्षक की भी तस्वीरें अपलोड की जाएंगी। डॉक्टर और एसोसिएट्स की सूची हर महीने अपडेट की जाती है। नेशनल मेडिकल कमीशन ने कहा है कि सूची में कोई भी शामिल नहीं होने वाला है। एनएमसी ने जो रिपोर्ट जारी की है उसके अनुसार 15 जून से 15 जुलाई तक का कार्यदिवस 23 दिन का था, 26 और 28 दिन तक कई ईसाइयों के शिष्यों की उपस्थिति दर्ज की गई है।बायोकैमिकल में लगे सभी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के नाम सामने आए। आयोग ने 31 जुलाई तक मेडिकल क्लिप को अपडेट करने के लिए सूची जारी करने का निर्देश दिया है।अधिवक्ताओं के लिए नामांकन भी भेजा गया बाय बायर नेशनल मेडिकल कमिशन ने कार्यशालाओं को निर्देश दिया है कि वह यहां काम करने वाले अपने यहां काम करने वाले गए बाय बायर नेशनल मेडिकल काउंसिल से नामांकन का भी आवेदन वेबसाइट पर करें। इसके अलावा उनकी स्टार्टअप योग्यता का भी विवरण डाला गया।