दरभंगा: चिकनगुनिया और डेंगू पर नियंत्रण के लिए टीबीडीसी सभागार में सभी प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया. सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि डेंगू में मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगते हैं. अगर प्लेटलेट्स बेहद कम हो जाएं तो मरीज की मौत भी हो जाती है.
उन्होंने कहा कि डेंगू के मामले मॉनसून के शूरू होने के बाद से ही सामने आने लगते हैं. दरअसल डेंगू का लार्वा सात दिन या उससे अधिक ठहरे हुए साफ पानी में ही पनपता है. ऐसी सूरत में लापरवाही बरतने पर डेंगू फैलने की आशंका बढ़ जाती है. डेंगू फ्लू जैसी बीमारी है जो डेंगू वायरस के कारण होती है. डेंगू वायरस मच्छर के दिन में काटने से फैलता है. लोग फ्लावर पॉट में पानी जमा नहीं रहने दें. एयर कूलर का पानी भी बदलते रहें.
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. अमरेन्द्र कुमार मिश्रा ने कहा कि सभी तरह का बुखार डेंगू नहीं होता है. बुखार होने पर बिना समय गंवाए डॉक्टर से संपर्क करें. डॉक्टर जांच के बाद जैसा कहेंगे, उसके अनुसार अपना इलाज करवाएं. डेंगू होने की स्थिति में सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. सिर्फ गंभीर मरीजों को ही भर्ती होना पड़ता है. समय पर इलाज कराने पर मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हो सकता है. उन्होंने कहा कि दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें. घर के सभी कमरों को साफ-सुथरा रखें. टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी जमा नहीं होने दें. पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें. घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें. गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें. मॉल व दुकान चलाने वाले लोग भी खाली जगहों पर रखे डिब्बे और कार्टन में पानी जमा नहीं होने दें. जमे हुए पानी पर केरोसिन डालें. जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार बबन प्रसाद, आशुतोष कुमार व जिला प्रशिक्षण दल पदाधिकारी डॉ. रविन्द्र नाथ रवि ने प्रशिक्षण दिया.