बिहार

नहीं करें गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रतिमा एवं पूजा सामग्री विसर्जन

Shantanu Roy
28 Sep 2022 6:26 PM GMT
नहीं करें गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रतिमा एवं पूजा सामग्री विसर्जन
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बेगूसराय। प्रदूषण तथा नदियों की स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण एवं भारत सरकार के निर्देश के आलोक में इस वर्ष भी गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में किसी प्रकार की प्रतिमा विसर्जित नहीं करने की अपील की जा रही है। दुर्गा पूजा, काली पूजा, छठ पूजा एवं अन्य पूजनोत्सव पर नदी में प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाए जाने और पूजा पंडाल के संबंध में प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 50 हजार रुपया जुर्माना किया जा सकता है। इस संबंध में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा डीएम, एसपी, नगर आयुक्त, नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी एवं पूजा समितियों के लिए भारत सरकार तथा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा पारित आदेश के आलोक में निर्देश जारी किया गया है।
इसके तहत प्रतिमाओं में सिंथेटिक, अजैवविघटनीय पदार्थों, प्लास्टर ऑफ पेरिस, थर्मोकॉल ईत्यादि का प्रयोग नहीं करने तथा गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में कोई भी प्रतिमा विसर्जित करने पर रोक लगाई गई है। नदी के किनारों और घाटों पर बैरिकेटिंग करने का निर्देश दिया गया है, ताकि नदियों एवं उसके किनारों पर प्रतिमा विसर्जन करने से रोका जा सके। प्रतिमा विसर्जन के लिए अस्थायी तालाब बनाने और उसके तल में हटाए जाने वाले सिंथेटिक लाइनर की व्यवस्था की जाएगी। चिन्हित विसर्जन स्थलों की सूचना पूजा समितियों, मेला प्राधिकरणों एवं आमजन को विभिन्न माध्यमों से दिया जा रहा है। चिन्हित विसर्जन स्थलों पर फूल, माला, कपड़े, धातु एवं अन्य सजावटी सामानों के संग्रहण के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी तथा विसर्जन के 48 घंटों के अंदर शहरी निकाय एवं संबंधित पंचायत प्रतिमा विसर्जन स्थलों से परित्यक्त सामग्रियों को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के दिशा-निर्देशों के अनुसार संग्रहित कर उसका निष्पादन करेंगे।
पूजा पंडालों के लिए भी निर्देश जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि सभी पूजा पंडालों में पूजा के बाद परित्यक्त सामग्रियों के कुशल निपटान के लिए जैव-विघटनीय, अविघटनीय एवं अन्य सामग्रियों में समुचित अलग रखने के लिए अलग-अलग डस्टबिन उपलब्ध करायी जाय। इस संबंध में श्रद्धालुओं को लगातार जानकारी दिया जाए। शहरी निकायों एवं पंचायतों के सौजन्य से फूल, माला आदि जैव-विघटनीय पूजा सामग्री को कम्पोस्ट किया जाय। जबकि अविघटनीय सामग्रियों प्लास्टिक, कपड़ा, धातु से बने सजावटी सामानों का इको फ्रेंडली रूप में पुनःचक्रण किया जाय। डीएम रोशन कुशवाहा ने बताया कि जिला प्रशासन के पदाधिकारी, नगर निकायों के पदाधिकारी, पुलिस, गैर सरकारी संगठनों एवं पूजा समिति के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय किया जा रहा है। पूजा पंडालों एवं विसर्जन स्थलों पर क्या करें और क्या नहीं करें से संबंधित सूचना, होडिंग एवं बैनर के माध्यम में प्रदर्शित किया जाएगा।
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