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MOTIHARI : मोतिहारी पुलिस की पहुचने की भनक लगते ही गाड़ी छोड़ DM SFC फरार हो गए । मोतिहारी पुलिस को वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान में करोड़ों के चावल गबन के आरोपी तत्कालीन DMSFC का टावर लोकेशन छपरा में मिलने पर छपरा पुलिस के सहयोग से छापेमारी की गई थी । ऐसे में कांड के अनुसंधानकर्ता सह अरेराज सर्किल इंस्पेक्टर उपेंद्र कुमार ने उनका गाड़ी जब्त करते हुए कोर्ट से इश्तेहार लेकर कुर्की की कार्रवाई में जुट गए है।
गौरतलब है की मोतिहारी जिला में वर्ष 2013-14 में धान अधिप्राप्ति में भारी घोटाला का मामला प्रकाश में आया था। बिना खेत वाले किसान के नाम पर सैकड़ो किविंटल धान कागज में खरीद लिया गया था। वही जिस ट्रक के नम्बर से 80 किविंटल धान गोदाम से मिलर के पास गया था। वह भी जांच में एक डीलर के बाइक का नम्बर निकला था। जांच में भारी फर्जीवाड़ा को लेकर विभाग के निर्देश पर तत्कालीन DMSFC रामवकील पण्डेय ने 1 करोड़ 12 लाख 77 हज़ार 446 रुपया के चावल गबन मामले में मलाही थाना कांड संख्या 88/2015 दर्ज कराया था। कांड में मनु ट्रेडर्स एंड राइस मिल जलाह संग्रामपुर के प्रोपराइटर शशिभूषण पर दर्ज कराया गया। कांड दर्ज होने के बाद पुलिस के अनुसंधान में चौकाने वाला मामला सामने आया। गबन के संरक्षणकर्ता में कांड दर्ज कर्ता तत्कालीन DMSFC रामवकील पाण्डेय,पहाडपुर क्रय केंद्र प्रभारी सचिन कुमार,अरेराज व संग्रामपुर गोदाम प्रभारी पुष्पराज कुमार व कार्यपालक सहायक मणि भूषण सहित के सहयोग से मिलर शशिभूषण द्वारा 4550 किविंटल चावल गबन करने में सहयोग किया गया। कांड में अनुसंधानक के आधार पर वरीय पदादिकारी द्वारा कांड सत्य पाया गया था।
अरेराज सर्किल इंस्पेक्टर उपेंद्र कुमार ने बताया की एक करोड़ से अधिक का चावल गबन में मलाही कांड संख्या 88/2015 तत्कालीन डीएम SFC रामवकिल पण्डेय के द्वारा दर्ज कराया गया था। जांच में कांड दर्जकर्ता पर भी गबन में सहयोग करने सहयोग का मामला आया। जिसको लेकर तत्कालीन डीएम SFC रामवकील पाण्डेय,मिलर शशिभूषण कुमार क्रय केंद्र प्रभारी सचिन कुमार,पुष्पराज कुमार व डाटा ऑपरेटर मणि भूषण कुमार के विरुद्ध एक करोड़ 12 लाख 77 हज़ार 446 रुपया का चावल गबन करने का मामला सत्य पाया गया है। जिसको लेकर वरीय पदादिकारी के निर्देश पर न्यायालय में उक्त पदाधिकारियो के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है ।वही डीएम एसएससी के गिरफ्तारी के लिए उत्तरप्रदेश के एक ठिकाने पर छापेमारी की गई थी ।उसके बाद कई जगह आलीशान मकान होने की पुष्टि हुई थी ।कोर्ट से कुर्की के लिए इस्तेहार निकाल कर करवाई की जा रही है। डीएमएसएफसी के गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उत्तरप्रदेश के कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। लेकिन अभीतक फरार चल रहे है।

Admin4
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