बिहार

डीएम अंशुल अग्रवाल ने बालिका छात्रावास का किया निरीक्षण

Admindelhi1
15 April 2024 8:18 AM GMT
डीएम अंशुल अग्रवाल ने बालिका छात्रावास का किया निरीक्षण
x
इस दौरान सत्र 2024-25 के प्रारंभ दिवस पर अलग-अलग आयामों में विद्यालय प्रबंधन का जायजा लिया गया.

बक्सर: सदर प्रखंड के मदहद गांव में नवनिर्मित 0 आवासन वाले पिछड़ा एवं अति पिछड़ा बालिका छात्रावास का डीएम अंशुल अग्रवाल ने निरीक्षण किया. इस दौरान सत्र 2024-25 के प्रारंभ दिवस पर अलग-अलग आयामों में विद्यालय प्रबंधन का जायजा लिया गया.

विद्यालय में कक्षा 6, 7 एवं 9 में पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग की बालिकाओं के शिक्षण एवं आवासान की व्यवस्था उपलब्ध है. आवासीय विद्यालय में अभी 82 बालिकाएं नामांकित हैं. जबकि, शिक्षकों की संख्या है. जिनमें महिला शिक्षिका हैं. नवनिर्मित भवन में बालिकाओं के लिए मेस, चिकित्सा कक्ष, कॉमन रूम, आगंतुक कक्ष, लाइब्रेरी आदि का निर्माण कराया गया है. डीएम ने प्रधानाध्यापक व सभी शिक्षकों को निर्देश दिया कि पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग बालिका छात्रावास में ही आवासन करने के साथ-साथ मेस में बने भोजन करेंगे. डीएम ने जिला कल्याण पदाधिकारी को छात्रावास परिसर में लगे अंग्रेजी साइन बोर्ड के साथ हिंदी में भी बोर्ड लगाने का निर्देश दिया. वहीं, छात्रावास परिसर में पर्याप्त साफ सफाई कराने को कहा गया. जबकि, संबंधित बीडीओ को नियमित रूप से छात्रावास का पर्यवेक्षण करने का भी डीएम ने निर्देश दिया.

एमएनसीयू का खुलेगा ताला

प्रसवी मां और उसके बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए साल से अनुमंडलीय अस्पताल में एमएनसीयू बनकर तैयार है. इसमें बहुत सारे सामान भी आ गए थे. लेकिन, शिशु विशेषज्ञ चिकित्सक का पदस्थापन नहीं होने से इसमें ताला लटका था. मां और नवजात बच्चों की स्थिति गंभीर होने पर रेफर कर दिया जाता था.

पिछले सप्ताह चाईल्ड स्पेशलिस्ट चिकित्सक डॉ. महेश कुमार व डॉ. उमेश कुमार ने योगदान कर लिया है. इनके योगदान करने से साल की कमी दूर हो गई है. शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर के योगदान करते ही सीएस सुरेशचंद सिन्हा ने शिशु विशेषज्ञ चिकित्सकों से एमएनसीयू में उपयोग होने वाले सामान सूची मांगी है.सीएस ने बताया कि एमएनसीयू के लिए जो भी सामान की सूची मिलती है. उसे शीघ्र स्वास्थ्य विभाग को लिखकर मंगाया जाएगा.

उन्होंने डीएस को एक सप्ताह के अंदर सीजेरियन चालू कराने का निर्देश दिया है. सीएस ने डीएस को चेतावनी देते हुए कहा कि अस्पताल में 24 घंटे डॉक्टर का रहना अनिवार्य है. ओपीडी सेवा में सभी डॉक्टर ड्यूटी करेंगे. इधर, शिशु विशेषज्ञ चिकित्सकों के पदस्थापन से अनुमंडलवासियों में खुशी व्याप्त है.

Next Story