बिहार
पश्चिमी चंपारण में बनेगा जिले का का पहला एग्रीकल्चर फुड प्रोसेसिंग स्टार्टअप जोन
Shantanu Roy
12 Oct 2022 6:11 PM GMT
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बड़ी खबर
बेतिया। कृषि विभाग उद्यान निदेशालय द्वारा बिहार राज्य उद्यानिकि उत्पाद योजना के तहत बिहार के विभिन्न जिलों में अलग-अलग उद्यानिकि फसलों पर आधारित एफपीसी (फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी) का गठन किया गया है। इस योजना के तहत पश्चिम चम्पारण जिले में हल्दी फसल का चयन किया गया है एवं हल्दी उत्पादक प्रमुख प्रखंड मझौलिया के अमवा मझार पंचायत में वेस्ट चम्पारण फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी का गठन किया गया है। इस एफपीसी में वर्तमान में लगभग 200 से अधिक हल्दी कृषक जुड़े हुए हैं। इस योजना के तहत एफपीसी से जुड़े कृषक सदस्यों को प्रशिक्षण, पैक हाउस का निर्माण, हल्दी प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक यंत्रों का क्रय अनुदानित दर पर किया जाना है। इस योजना का मुख्य उदेश्य उत्पादन से लेकर उत्पादों का प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग, ब्रांडिंग तक किया जाना है, जिससे अधिक से अधिक कृषक लाभान्वित हो सके। जिलाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा आज अमवा मझार में निर्माणाधीन हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट का निरीक्षण किया गया तथा एफपीसी से जुड़े दर्जनों हल्दी कृषकों से बातचीत की गयी, उनसे हल्दी उत्पादन तथा बिक्री की विस्तृत जानकारी ली गयी तथा उनका उत्साहवर्धन किया गया।
हल्दी कृषकों ने बताया कि मझौलिया प्रखंड अंतर्गत करमवा, अमवा मझार, हरदिया, अमवा शेख, आदि जगहों पर बड़े पैमाने पर हल्दी की खेती होती कई दशकों से होती आ रही है। यहां की मिट्टी हल्दी के अत्यधिक उपज के लिए काफी अनुकूल है। कृषकों ने बताया कि वर्तमान में लागत के अनुरूप दाम नहीं मिलने पर उनका हौसला कमजोर हो गया है तथा अब वे दूसरी फसल उपजाने की ओर विचार कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि हल्दी कृषकों की आमदनी कैसे बढ़े, उनका विकास कैसे हो, इसी के निमित आज वे अमवा मझार पहुंचे हैं। हल्दी कृषकों की भलाई के लिए कार्य योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हल्दी कृषकों को परंपरागत खेती से आधुनिक खेती की ओर अग्रसर होना होगा। नई टेक्नोलाॅजी का उपयोग कर ज्यादा पैदावार करनी होगी। इस कार्य में सरकार एवं जिला प्रशासन हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि एफपीसी के सभी कृषक आपस में मिलजुल कर हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। नये हौसले एवं उर्जा के साथ सकारात्मक भावना अपनाते हुए आगे बढ़े, सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि अमवा मझार को एग्रीकल्चर फुड प्रोसेसिंग स्टार्टअप जोन के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे आसपास के क्षेत्रों में खुशहाली आऐगी, लोगों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि हल्दी की खेती को सुगम बनाने एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध करायी जायेगी। आवश्यकता पड़ने पर आइआइटी, बाॅम्बे से बात कर आवश्यक उपकरण का भी निर्माण कराया जायेगा। यहां की जमीन काफी उर्वरा है तथा कृषक काफी मेहनती है। इसी लगन एवं मेहनत से हल्दी प्रोसेसिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ते रहें, कामयाबी आपके कदम चूमेंगी। अमवा मझार का हल्दी ब्रांड भी राज्य, देश और विदेश में अपना परचम लहरायेगा। हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारी को निदेशित किया कि जल्द से जल्द अत्याधुनिक मशीनों का अधिष्ठापन कराते हुए यूनिट को चालू किया जाय ताकि अधिक से अधिक हल्दी किसान इससे लाभान्वित हो सके। इस क्रम में जिलाधिकारी द्वारा हल्दी खेत का भी भ्रमण कर जायजा लिया गया तथा कृषकों से इस संदर्भ में जानकारी प्राप्त की गयी। सहायक निदेशक, जिला उद्यान द्वारा बताया गया कि उद्यानिकि उत्पाद योजना के तहत वर्तमान में 90 प्रतिशत अनुदादित दर पर पैक हाउस का निर्माण करवाया जा रहा है। जिसमें हल्दी प्रोसेसिंग मशीन इन्स्टाॅल करवाया जायेगा। विभाग द्वारा प्रोसेसिंग संबंधित मशीन भी 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उद्यान निदेशालय द्वारा जल्द ही हल्दी प्रोसेसिंग संबंधित मशीनों को एफपीसी के सदस्यों को अनुदानित दर पर उपलब्ध करा दिया जायेगा।
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