दरभंगा: जिला शिक्षा कार्यालय महज आठ कर्मियों के भरोसे चल रहा है. कर्मियों का दंश झेल रहे कार्यालय का कार्य प्रभावित हो रहा है. ऐसे में शिक्षकों का वेतन, ईपीएफ, प्रमोशन आदि कई कार्य में विलंब हो जाता है. कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 1999 में बक्सर में जिला शिक्षा पदाधिकारी का पद सृजित हुआ था. करीब 24 साल बीत जाने के बाद आज तक डीईओ को लिपिक व परिचारी नहीं मिल पाया है.
वह अपना कार्य किसी तरह से पूरा करते है. वहीं माध्यमिक शिक्षा, मध्याह्न भोजन, लेखा योजना, स्थापना में कुल मिला कर आठ लिपिक की कार्य कर रहे है. जिसमें से परीक्षा कोषांग में रहते है, लोक शिकायत के मामले में फंसे रहते है. प्राथमिक व हाई स्कूल के मामले को देखते है. विभागीय सूत्रों के अनुसार करीब 56 सौ नियोजित शिक्षक है. यह कक्षा से आठ तक कार्य करते है. टीआरई वन व टू के तहत करीब 27 सौ नये शिक्षकों की बहाली हुई है. वहीं करीब सौ नियमित शिक्षक है. इसी तरह हजार से अधिक हाई स्कूल में शिक्षक कार्यरत है. ऐसे में इन सभी शिक्षकों के संबंध में सभी कार्य इन्हीं कर्मियों के माध्यम से संपन्न होता है. ऐसे में कर्मियों पर कार्य का दबाव काफी बढ़ा हुआ है.
विभाग ने करोड़ रुपये आवंटित किया: जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय वर्तमान में बुनियादी स्कूल में चल रहा है. यहां सुविधाओं को घोर अभाव है. विभागीय सूत्रों ने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी का नया कार्यालय बनाने के लिए विभाग ने करोड़ रुपये आवंटित किया है. नेहरू स्मारक हाई स्कूल के पास जमीन भी चिन्हित की गई है. परंतु वहां नाला की समस्या होने के कारण भवन नहीं बन पा रहा है. इस कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है और न ही जिला प्रशासन की ओर से दूसरी जमीन चिन्हित की जा रही है. ऐसे में बुनियादी स्कूल में कार्यालय किसी तरह से चल रहा है.