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TB मरीजों के बीच राशि का वितरण शुरू, रोगियों को नहीं मिल रहा था लाभ

Admin4
4 Sep 2022 4:18 PM GMT
TB मरीजों के बीच राशि का वितरण शुरू, रोगियों को नहीं मिल रहा था लाभ
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Bihar News: देश भर में हर साल लाखों की संख्या में UPSC उम्मीदवार सिविल सेवा परीक्षा के लिए लगन और मेहनत से तैयारी करते हैं. UPSC परीक्षा में सफलता की दर काफी कम होती है. इसलिए अधिकतर युवाओं को कड़ी तैयारी में वर्षों बिताने के बाद भी असफलताओं का सामना करना पड़ता है. हम बात कर रहे है एक ऐसे युवक की, जो परीक्षा की तैयारी के लिए बिहार से दिल्ली पहुंचा था. उस युवक को पांच प्रयासों के बाद भी असफलता का सामना करना पड़ा. हालांकि, उसकी प्रेमिका ने परीक्षा उत्तीर्ण की और अब एक अधिकारी है. इस बात का खुलासा उन्होंने एक YouTuber के साथ बातचीत के दौरान किया है.

युवक ने बताया संघर्ष की कहानी

यह कहानी बिहार के रहने वाले हरेंद्र पांडे की है. हरेंद्र पांडे UPSC की तैयारी करने के लिए बिहार से दिल्ली गये है. उनको लगातार पांचवीं बार UPSC परीक्षा में असफलता मिली है. उन्होंने बताया कि पांच बार परीक्षा देने का प्रयास किया और केवल एक बार प्रारंभिक परीक्षा में असफल रहे. बाकी समय उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया. लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया. हालांकि, भाग्य उनकी पूर्व प्रेमिका के साथ था, उन्होंने कहा, वर्तमान में एक अधिकारी है. लेकिन दुख की बात यह है कि अफसर बनने के बाद प्रेमिका ने उससे सभी संपर्क तोड़ दी.

जानें असफल का कारण

हरेंद्र पांडे ने दावा किया कि उनके कई साथी वर्तमान में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर है. कई साथी उच्च पदस्थ अधिकारी भी हैं, लेकिन शुरुआत में कई गलतियों के कारण वह परीक्षा पास करने में असफल रहे. उनमें से एक मुख्य परीक्षा के दौरान वैकल्पिक परीक्षा के लिए सही विषय का चयन नहीं कर रहा था. उन्होंने यह भी कहा कि लोगों के प्रभाव में नहीं आना चाहिए और परीक्षा के लिए अध्ययन ध्यान केंद्रित कर करना चाहिए.सीवान. जिले के सभी इलाजरत टीबी मरीजों के लिए अच्छी खबर है. पिछले कई माह से तकनीकी कारणों से बाधित निक्षय पोषण योजना की राशि का भुगतान प्रारंभ किया जा चुका है. इससे अब इलाजरत टीबी मरीजों को अपने पोषण के लिए राशि प्राप्त हो सकेगी. जिला में टीबी मरीजों को दी जाने वाली निक्षय योजना के तहत इस पोषण राशि को लाभुक के बैंक अकाउंट में सीधा भेजा जा रहा है.

पोषण योजना के 500 रुपये

गौरतलब है कि टीबी मरीजों को निक्षय योजना की राशि बीते आठ माह से नहीं मिल पा रही थी. लेकिन राशि मिलने के बाद अब टीबी मरीजों के बीच पोषण राशि का वितरण प्रारंभ कर दिया गया है. नये व पुराने सभी मरीजों को पोषण की राशि भेजी जा रही है. टीबी मरीजों को बैंक खाते में भेजे जाते हैं. वहीं, सीडीओ डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि अलग अलग किस्त में टीबी मरीजों को 1000 से 500 रुपये तक की राशि उनके बैंक खाते में भेजना प्रारंभ किया गया है. निक्षय पोषण योजना की इस राशि से उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी. यह राशि उनके बेहतर खान-पान के लिए दिया जाता है.

पोषण राशि की सुविधा उपलब्ध कराना है

सीडीओ ने बताया कि सिंगल नोडल अकाउंट सिस्टम के तहत अब टीबी विभाग के विभिन्न मदों की राशि एक ही खाते में रहेगी, जिससे जिला यक्ष्मा केंद्र के स्तर से खर्च की गयी राशि में पारदर्शिता भी आयेगी. बताया कि भारत सरकार द्वारा 2025 तक देश को टीबी जैसे संक्रामक रोग से पूर्ण रूप से मुक्त करने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए मरीजों की पहचान करना, उनका इलाज व दवाई प्रबंधन सहित पोषण राशि की सुविधा उपलब्ध कराना है.

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