गोपालगंज न्यूज़: सिंचाई विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ रही है. खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की नर्सरी डालने और नर्सरी डाल चुके किसानों को सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है. लेकिन, जिले की प्रखंड की वितरणी व उप वितरणी सूखी हैं.
परेशान किसान महंगे डीजल पंप से सिंचाई करने को मजबूर हैं. ज्ञात हो कि नहरों में पानी नही रहने से इलाके के चार दर्जन से अधिक गांवों की आस सूख गई है. प्रखंड की विशनपुर नहर से जुड़ी खजुरिया माइनर में इन दिनों सूखी पड़ी है. इस माइनर से सलोना, सोनबरसा, सिसई, छोटा बढ़ेया समेत दर्जनों गांवों की सिंचाई होती है. किसान ओम प्रकाश, गुड्डू, जाबिर अली, ननक आदि ने बताया कि धान की नर्सरी सूख रही है .
किसान नहरों में पानी का इंतज़ार कर रहे है. किसानों का कहना है कि नहरों की साफ सफाई ठीक ढंग से नहीं की गई है. अभी भी कई उप वितरणी जंगल-झाड़ से पटे हैं. ऐसे में पानी छोड़ा भी जाएगा तो अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच सकेगा. किसी किसी नहर में 2-4 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिससे पटवन करना सम्भव नही है.बुदसी गांव के किसान शिवनाथ राय ने कहा कि 14 कह्वा में धान की रोपनी के लिए बिचड़ा तैयार कर रहे हैं. लेकिन नहर में पानी नहीं आने से धान की रोपनी मुश्किल साबित हो रही है. महुआ गांव के किसान शंभूनाथ यादव ने कहा कि नहर परियोजना व स्टेट ट्यूबवेल से खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है.
हथुआ शाखा नहर सहित उससे निकलने वाले विभिन्न उप वितरणी व जलवाहा का सफाई कार्य मनरेगा से कराया जाना था. जो समय पर नहीं हो पाया है.
-पुष्कर कुमार, सहायक अभियंता
गंडक प्रोजेक्ट सारण नहर अवर प्रमंडल,
किसानों ने कहा झुलस रही फसल
शाखा नहरों में पानी नहीं छोड़े जाने से किसानों की नाराजगी बढ़ती जा रही है. चिंतित किसान जिला प्रशासन के अधिकारी से उप वितरणी नहरों में तत्काल पानी छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं. कृतपुरा गांव के किसान नागेंद्र तिवारी ने कहा कि नहरों में पानी नहीं आने से दो बीघे में लगी गन्ने की फसल पूरी तरह झुलस गई है. अब धान के बिचड़े भी गर्मी से झुलस रहे हैं.