बिहार

स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर ही कर सकते हैं बीमारियों से बचाव

Admin Delhi 1
10 April 2023 8:24 AM GMT
स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर ही कर सकते हैं बीमारियों से बचाव
x

पटना न्यूज़: स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर और स्वास्थ्य के प्रति सजग रहकर ही हम बीमारियों से बच सकते हैं. कोरोना की दो लहरों के बाद स्वाइन फ्लू, इन्फ्लूएंजा एच3एन2, वायरल संक्रमण जैसी बीमारियां लगातार लोगों को परेशान कर रही हैं. इससे ऐसे लोग ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं जो स्वास्थ्य के प्रति सचेत नहीं रह रहे. कोरोना के बाद लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है. योग-ध्यान, व्यायाम करनेवाले और मॉर्निंग वॉकरों की संख्या भी बढ़ी है. स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम के साथ ही संतुलित खानपान, पर्याप्त नींद और आराम के साथ तनावरहित जीवन भी जरूरी है.

आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में ये बातें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहीं. जयप्रभा मेदांता के सीनियर कंसल्टेंट और इंटरनल मेडिसिन फिजिशियन डॉ. मृत्युंजय कुमार ने कहा कि कोरोना के बाद से पोस्ट कोविड इफेक्ट से लोग अब भी परेशान हैं. कहा कि बीमारी से बचने के साथ मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से मजबूत होना भी जरूरी है. मेदांता के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. रविशंकर सिंह ने कहा कि हेल्थ फॉर ऑल सबके लिए जरूरी है.

त्वचा में कालापन और मोटापन एनएमसीएच के चर्मरोग विभाग के हेड डॉ. मधुरेंद्र सिन्हा ने बताया कि आर्सेनिक के कारण त्वचा में आर्सेनोसिस हो जाता है. इसमें त्वचा का रंग काला पड़ जाता है और कई जगह मोटापन भी होता है. घाव, फोड़ा, फूंसी का प्रकोप भी आर्सेनिक के कारण बढ़ जाता है.

हड्डी व जोड़ों के दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ी

कोरोना के बाद हड्डी व जोड़ों का दर्द भी नई समस्या बनकर उभरी है. हड्डी अस्पतालों व फिजियोथेरेपी क्लिनिक में ऐसे पीड़ितों की संख्या में दोगुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. बिहार चेंबर के फिजियोथेरेपी क्लिनिक के प्रभारी डॉ. रवि प्रकाश ने बताया कि शुरुआत में ही फिजियोथेरेपिस्ट से मिलकर व्यायाम करने पर दर्दनिवारक दवाइयों पर आश्रित नहीं होना पड़ता है. घुटना, कमर, मांसपेशियों में दर्द होने पर तुरंत दर्दनिवारक दवाइयों का धड़ल्ले से इस्तेमाल किडनी समेत कई अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है.

संतुलित भोजन व व्यायाम स्वास्थ्य के लिए जरूरी

स्वस्थ रहने के लिए संतुलित पौष्टिक भोजन, पर्याप्त मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां, सलाद, साफ पानी, मौसमी फलों का सेवन जरूरी है. फास्ट फूड, बर्गर-पिज्जा, मैदा, चीनी से दूरी बनानी चाहिए. व्यायाम, 40 मिनट पैदल चलने से मोटापा, डायबिटीज से बचाव होता है.

आर्सेनिक के कारण बढ़ रहा कैंसर का प्रकोप

महावीर कैंसर संस्थान में हुए शोध से यह साबित हो चुका है कि बिहार में गॉल ब्लैडर और पैंक्रियाज के कैंसर का बड़ा कारण आर्सेनिक ही है. पीएमसीएच के कैंसर रोग विभाग के हेड डॉ. रवि ब्याहुत ने बताया कि पहले स्तन व सर्वाइकल कैंसर का प्रकोप सबसे ज्यादा था. अब गॉल ब्लैडर का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है.

गंगा किनारे वाले क्षेत्रों में कई तरह की बीमारियां

पटना समेत राज्य के गंगा किनारे वाले क्षेत्र में गॉल ब्लैडर में पथरी, कैंसर, पैंक्रियाज कैंसर, ऑर्थराइटिस, चर्मरोग जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. इनका बड़ा कारण पानी में आर्सेनिक, लेड, फ्लोराइड और मरकरी जैसे भारी तत्वों की मौजूदगी है. खासकर आर्सेनिक का कहर गंगा के किनारे के जिले में ज्यादा है. आईजीआईएमएस के गैस्ट्रो सर्जन डॉ. साकेत कुमार ने बताया कि प्रतिदिन चार से पांच गॉल ब्लैडर में पथरी, पैंक्रियाज से संबंधित बीमारी का ऑपरेशन होता है.

Next Story