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भागलपुर। इंकलाब जिंदाबाद का शक्तिशाली नारा देने वाले शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के 115वें जन्म जन्मदिवस के मौके पर बुधवार को उनके विचार, सपने और संघर्ष की विरासत के बाद बहुजन छात्रों के मुद्दे और आंदोलन की दिशा पर बहुजन स्टूडेंट यूनियन की ओर से अंबेडकर विचार और समाज कार्य विभाग तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में एक परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान भगत सिंह के विचारों, सपने, देश के प्रति उनके द्वारा किए गए संघर्ष और उनके पद चिन्हों पर चलने की बात की गई। छात्रों के मुद्दे आंदोलन की दिशा और उनके कई पहलुओं पर चर्चा परिचर्चा की गई। कई वक्ताओं ने भगत सिंह के विचार को भी साझा किया। वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह का कहना था कि दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद हूं। इसलिए आपलोग भी अपने हक की लड़ाई के लिए आवाज उठाएं। कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर विलक्षण रविदास, प्रोफेसर योगेंद्र, गौतम कुमार प्रीतम, बहुजन स्टूडेंट यूनियन बिहार के कार्यकर्ता एवं विशिष्ट जनों ने अपने अपने विचारों को रखा। कार्यक्रम के दौरान कई लोग अंबेडकर विचार और समाज कार्य विभाग तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान सर्वप्रथम भगत सिंह को याद करते हुए उनके चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। फिर सबों ने अपने अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम के दौरान विलक्षण रविदास ने कहा कि शहीद भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम उनके विचार सपने और संघर्ष के बताए हुए उनके पद चिन्हों पर चलें। यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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