बिहार

बचपन में डॉक्टर की लापरवाही से हुए दिव्यांग, आज खुद कर रहे गरीबों का मुफ्त इलाज

SANTOSI TANDI
14 Sep 2023 12:06 PM GMT
बचपन में डॉक्टर की लापरवाही से हुए दिव्यांग, आज खुद कर रहे गरीबों का मुफ्त इलाज
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आज खुद कर रहे गरीबों का मुफ्त इलाज
बिहार: के सासाराम में एक डॉक्टर की कहानी तमाम यहां लोगों की प्रेरणा बन गई है. ये शख्स बचपन में किसी दूसरे डॉक्टर की लापरवाही से दिव्यांग हो गया था लेकिन आज की तारीख में वह खुद डॉक्टर बनकर सैकड़ों मरीजों का मुफ्त इलाज कर रहा है. पूरे इलाके में इस डॉक्टर की मेहनत की चर्चा हो रही है. उसकी शख्सियत को एक मिसाल के तौर पर आंका जा रहा है.
डॉक्टर का नाम विमलेंदु कुमार है, जिसे सासाराम सदर अस्पताल में दिव्यांग चिकित्सक के तौर जाना जाता है. मरीज और उनके परिजन इस डॉक्टर के जुनून की प्रशंसा करते नहीं थकते. एक अनुमान के मुताबिक हर महीना वो करीब 700 से 800 मरीजों का इलाज करते हैं.
क्या हुआ डॉ. विमलेंदु के साथ?
डॉ. विमलेंदु औरंगाबाद जिला के दाउदनगर के रहने वाले एक शिक्षक के बेटे हैं. बचपन में जब काफी बीमार पड़ गए तो माता-पिता ने डिहरी के एक निजी क्लीनिक में दिखाया. यहां इलाज के दौरान डॉक्टर ने उसके जंघे में एक गलत इंजेक्शन लगा दिया. इंजेक्शन के लगते ही उसके दाहिने पैर ने काम करना बंद कर दिया. जिसके बाद किसी तरह एक पैर के सहारे जिंदगी कटी.
डॉक्टर बनने की ठानी
डॉ. विमलेंदु का कहना है कि इसी दौरान उन्होंने ठान लिया कि एक दिन डॉक्टर बनना है. उन्होंने मन लगाकर तैयारी शुरू की और साल 2015 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर ली. वो कहते हैं- अगर डॉक्टर नहीं बनता को जिंदगी भर किसी की लापरवाही का मलाल रहता.
गांव में गरीबों का मुफ्त इलाज
आज की तारीख में डॉ. विमलेंदु सासाराम के सदर अस्पताल में मरीजों का इलाज करते हैं. साथ ही, जो समय बचता है उसमें अपने गांव के मरीजों का मुफ्त इलाज और जांच भी करते हैं. वह कोई निजी क्लीनिक नहीं चलाते. सरकारी अस्पताल से ड्यूटी के बाद अपने आवास पर लोगों का इलाज करते हैं
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