बिहार
जिले की 50,000 हेक्टेयर अनयूटिलाइज क्षेत्र को कृषि योग्य बनाने का निदेश
Shantanu Roy
22 Oct 2022 5:42 PM GMT

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बेतिया। डीआरसीसी (जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र) में आज रबी महाभियान-सह-जिलास्तरीय कर्मशाला का भव्य आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जिलाधिकारी, कुंदन कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डीपी त्रिपाठी, अपर निदेशक (शस्य)-सह-निदेशक, पीपीएम, बिहार, उप विकास आयुक्त अनिल कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी विजय प्रकाश सहित कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक तथा कृषकगण उपस्थित रहे। अपने संबोधन में जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। इससे जिले के सभी किसान लाभ प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि रास्ते को मंजिल नहीं समझे, मंजिल तक पहुंचने के लिए प्रयास करें। मंजिल है रबी के क्षेत्र में जिले में उत्पादन ज्यादा बढ़ें और किसानों की आमदनी में इजाफा हो। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। आज दुनिया नई टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन का यूज कर कृषि में आगे बढ़ रही है। जिले के किसानों को भी टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन का प्रयोग कर कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ाने की जरूरत है। पारंपरित सोंच एवं खेती से बदलती दुनिया के साथ कदमताल करते हुए जिले को कृषि उत्पादकता में अग्रणी बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी आज धनतेरस एवं दीपावली के अवसर पर यह संकल्प लें किसानों की बेहतरी के लिए, उनके कल्याण एवं उत्थान के लिए। साथ ही पश्चिम चम्पारण जिले में विश्वस्तर के अनुरूप उत्पादकता बढ़ाने की ओर लक्ष्य रखकर कृषि को आगे बढ़ाने का भी। जिलाधिकारी ने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिले में लगभग 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र अनयूटिलाइज है, जिसे कृषि क्षेत्र में उपयोग करने का लक्ष्य रखा गया है। जिले में एक अभियान चलाकर ऐसे अनयूटिलाइज क्षेत्र को कृषि योग्य बनाया जायेगा ताकि अधिक से अधिक किसानों को इससे लाभ हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों के पास वैकल्पिक आजीविका के साधन अवश्य होने चाहिए ताकि किसी कारणवश फसल खराब होने की स्थिति में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। कृषि के साथ-साथ पोल्ट्री, गोट्री, डेयरी, मत्स्य, मशरूम, मखाना, एरोमेटिक प्लांटेशन आदि के क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा कार्य योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। किसानों को इस पर भी अमल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि एलायड की तरफ किसानों को अग्रसर होना होगा। सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा किसानों को हरसंभव मदद की जायेगी। उन्होंने सभी संबंधित विभागों से कहा कि समन्वय स्थापित कर किसानों की बेहतरी के लिए कारगर कार्रवाई करें। सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं से किसानों को लाभान्वित करें।
उन्होंने कहा कि फुट प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी जिले के किसानों को आगे आने की आवश्यकता है। जिला प्रशासन द्वारा अमवा मझार में टरमरिक (हल्दी) प्रोसेसिंग यूनिट का अधिष्ठापन कराया जा रहा है। बड़े मल्टीनेशनल कंपनी की तरह पश्चिम चम्पारण जिले का भी हल्दी एक ब्रांड बनेगा। इससे हजारों हल्दी किसानों को लाभ मिलेगा। जिले के अन्य जगहों पर भी इच्छुक किसान हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट जिसमें आधुनिक मशीन ड्रायर, ब्वॉयलर आदि है, का अधिष्ठापन कर सकते हैं। जिलाधिकारी द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट को शीघ्रातीशीघ्र फंक्शनल कराया जाय। साथ ही जिले के किसान सलाहकार एवं समन्वयकों को अधिष्ठापन स्थल पर ले जाकर अच्छे तरीके से प्रशिक्षित कराया जाय। उन्होंने कृषि सलाहकार एवं समन्वयकों को निदेश दिया कि गेहूं, धान, मक्का आदि की खेती के अलावा अगर जिले के किसानों द्वारा प्रोसेसिंग की जा रही है तो इसकी सूचना तुरंत दें ताकि उसको सरकारी सहायता प्रदान करते हुए आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि मरचा धान/चूड़ा को जीआई टैग दिलाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा अथक प्रयास लगातार किया जा रहा है। जीआई टैग के लिए प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है, शीघ्र ही मरचा धान/चूड़ा को जीआई टैग मिलने की संभावना है। इससे जिले के मरचा धान/चूड़ा को एक अलग पहचान मिलेगी और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। उक्त कार्यक्रम को डी0पी0 त्रिपाठी, अपर निदेशक (शस्य)-सह-निदेशक, पी0पी0एम0, बिहार तथा उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार द्वारा भी संबोधित किया गया। इनके द्वारा रबी महाभियान, बीज वितरण, फसल अवशेष, स्वायल हेल्थ कार्ड आदि की विस्तृत जानकारी किसानों को दी गयी। जिलाधिकारी द्वारा 10 किसानों के बीच स्वायल हेल्थ कार्ड का वितरण किया गया। साथ ही 05 किसानों के बीच 08 किलोग्राम प्रति किसान की दर से 05 मिनी मसूर किट एवं 05 किसानों के बीच 02 किलोग्राम प्रति किसान की दर से 05 राई सरसो मिनी किट का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा रबी महाभियान प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। रबी महाभियान प्रचार रथ किसानों को रबी फसलों की तकनीकी जानकारी, मौसम अनुकूल कृषि कार्यक्रम से सबंधित जानकारी, किसान चौपाल के द्वारा कृषि विभाग की सभी योजनाओं की जानकारी, फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूकता, जैविक खेती को प्रोत्साहन, रबी मौसम में कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी जिले के किसानों को प्रदान करेगा।
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