बिहार
''अभिनय सौंदर्य'' के मंचन में दिनकर कला भवन ने रचा नया इतिहास
Shantanu Roy
11 Sep 2022 10:31 AM GMT

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बेगूसराय। रंगसृजन द्वारा बीती रात दिनकर कला भवन में आयोजित नाटक ने बेगूसराय के रंगमंचीय कला में एक नया इतिहास लिख दिया। दिनकर भवन में कई दशक से लगातार नाटक और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का आयोजन होता रहा है लेकिन पहली बार ऐसा हुआ कि नाटक के उद्घाटन के लिए सभी महिलाओं को ही मंच पर बुलाया गया और मंच संचालन भी महिला ही कर रही थी। प्रेक्षागृह में रंगसृजन आर्ट एंड सोशल एसोसिएशन की चर्चित रंग निर्देशक सचिन कुमार के निर्देशन में पहली नाट्य प्रस्तुति ''अभिनय सौंदर्य'' का उद्घाटन अंकिता सिन्हा, कविता कुमारी, सुनीता पायल एवं इंदु विक्रम तथा मंच संचालन प्राची आर्यन ने किया। आठ पूर्णकालिक नाटकों के मुख्य संवादों को जोड़कर नई कहानी का आकार दिया गया तथा ''अभिनय सौंदर्य'' के नाम से सफल मंचन किया गया। नाटक रंगमंच में अभिनेता और नाट्य प्रदर्शन के आभाव को लेकर शुरू होता है। कहानी अपने को चार ध्रुवों में विभक्त करती है। जिसमें दो अलग अलग मनोभाव रखने वाले कलाकार, कला का प्रियशी के रूप में प्रवेश, पिता और समाज का कला के प्रति विचार आदि शामिल है।
कहानी में एक कलाकार का अपनी कला से प्रेम, महत्वाकांक्षा, हताशा, सामाजिक स्तर पर उसकी अवहेलना तथा प्रोत्साहन को दिखाया गया। अंत में कलाकार दर्शकों से तथा अपने आप से सवाल करता है कि ''कौन हूं मैं? क्या मैं संघर्षशील विलोम या अश्वत्थामा हूं या कि महत्वाकांक्षी मैकबेथ या कालिदास...'' मंच पर आनवी श्री, मीनाक्षी कुमारी, रिया कुमारी, राहुल सावर्ण, संदीप कुमार, मृणाल गौतम, रूपेश कुमार, प्रिंस कुमार एवं रौनक पोद्दार ने अपने अभिनय से दर्शकों के बीच अमिट छाप छोड़ी। नाट्य मंचन पूर्व कलाकार ने ''सजा दो घर को गुलशन सा मेहमान आए हैं'' प्रस्तुत कर प्रेक्षागृह में उपस्थित दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। प्रकाश परिकल्पना एवं संचालन मोहित मोहन, सहयोग दिवाकर एवं सचिन, मंच सज्जा सिकंदर शर्मा तथा बैनर फोल्डर सनोज शर्मा का था। कार्यक्रम के अंत में संस्था के सचिव भास्कर भूषण एवं अन्य सदस्यों ने मिलकर ''साईं की रसोई'' टीम को समाज में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए मंच से मोमेंटो देकर सम्मानित किया।
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