बिहार

जर्जर भवन धराशायी होने की कगार पर, भवन निर्माण के लिए पदाधिकारियों को लिखा पत्र

Harrison
25 Sep 2023 9:30 AM GMT
जर्जर भवन धराशायी होने की कगार पर, भवन निर्माण के लिए पदाधिकारियों को लिखा पत्र
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बिहार | प्रखंड के प्राइमरी स्कूल सोन्धानी बाजार का भवन जर्जर होकर धरासायी होने के कगार पर है. जिले के इस प्राइमरी स्कूल में करीब दो सौ बच्चे हैं. लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि इस स्कूल में मात्र तीन कमरे हैं, जिसमें से दो कमरे की छत व दीवार में दरारें पड़ जाने के कारण धराशायी होने की कगार पर हैं. बारिश होने पर दोनों कमरों के छत से पानी टपकने लगता है, जिससे कमरे पानी से तरबतर हो जाते हैं.
ये दोनों कमरे कब धराशायी हो जाएंगे कहना मुश्किल है. ऐसी स्थिति में बच्चों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग रहा है. स्कूल के हेडमास्टर आनंद प्रकाश पांडेय ने बताया कि स्कूल के एक कमरे में पांचवें वर्ग के बच्चों को पढ़ाया जाता है. बारिश नहीं होने पर जर्जर भवन के एक कमरे में तीसरे वर्ग के बच्चों को, बरामदा में पहले वर्ग को तथा दूसरे व चौथे वर्ग के बच्चों को पेड़ के नीचे बैठाकर पढ़ाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि यह स्कूल गहरे तालाब के किनारे उसके भिंडा पर स्थित है. स्कूल के पीछे तालाब के किनारे हीं जर्जर शौचालय है, जिसमें जाने का रास्ता काफी संकीर्ण है. तालाब काफी गहरा होने के कारण बच्चों के इसमें डूबने की हमेशा संभावना बनी रहती है. स्कूल में यूरिनल नहीं होने के कारण बच्चियों व महिला शिक्षिकाओं को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं.
स्कूल में बाउंड्री नहीं होने के कारण स्कूल संचालन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. मध्याह्न भोजन भी खुले आसमान के नीचे बनता है. बारिश होने पर बच्चों को छुट्टी देनी पड़ती है.
भवन निर्माण के लिए पदाधिकारियों को लिखा पत्र
इस स्कूल भवन के निर्माण तथा अन्य सुविधाओं के लिए स्कूल के हेडमास्टर आनंद प्रकाश पांडेय ने कई बार प्रखंड से लेकर जिला तक के वरीय अधिकारियों को सूचित किया है, लेकिन स्कूल का भवन नहीं बन सका है. इससे थक हारकर विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद, सचिव सुषमा देवी, प्रधानाध्यापक आनंद प्रकाश पांडेय ने मुख्यमंत्री, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, शिक्षा मंत्री, डभ्एम, डीईओ, डीपीओ व बीईओ को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेज कर स्कूल भवन के निर्माण व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है.
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