मरीजों की अत्यधिक संख्या से हांफने लगती है डिजिटल एक्सरे मशीन
मधुबनी न्यूज़: डीएमसीएच के सेंट्रल ओपीडी स्थित डिजिटल एक्सरे मशीन के खराब हो जाने से मरीजों के बीच अफरा तफरी मच गई. एक्सरे यूनिट में ताला लटका देख काफी संख्या में मरीज एक्सरे कराने रेडियोलॉजी विभाग पहुंचे. वहां पूर्व से. ही दर्जनों मरीजों की लाइन लगी देख काफी मरीज डिजिटल एक्सरे कराने निजी क्लिनिकल के किए निकल गए. एक्सरे के लिए उन्हें काफी राशि खर्च करानी पड़ी. रेडियोलॉजी विभाग में एक्सरे के लिए अगले दिन का समय दिए जाने पर चलने से लाचार अताबुल रहमान के परिजन गोद में उठाकर एक्सरे कराने ओपीडी के पीछे स्थित एक निजी केंद्र की
ओर निकल पड़े. परिजनों ने बताया कि मरीज ऑर्थोपेडिक विभाग में इलाजरत हैं. उन्हें लेकर वे पहले ओपीडी के डिजिटल एक्सरे यूनिट गए थे. बताया गया कि वहां की मशीन खराब है. इसके बाद वे रेडियोलॉजी विभाग पहुंचे. अत्याधिक भीड़ के कारण एक्सरे के लिए अगले दिन आने को कहा गया. इस हालत में मरीज को बार-बार लेकर आना संभव नहीं था. इस वजह से उन लोगों ने निजी केंद्र में एक्सरे कराने का निर्णय लिया.
वहीं दूसरी ओर अब्दुल कलाम के परिजन भी उन्हें लेकर निजी एक्सरे केंद्र की ओर जाते दिखे. पूछने पर उन्होंने बताया कि एक मशीन ठप है. दूसरी मशीन से एक्सरे कराने को मारा मारी मची है. एक्सरे के लिए उन्हें शाम चार बजे तक इंतजार करने को कहा गया. मरीज को लेकर इतनी देर रुकना संभव नहीं था. इस वजह से वे उन्हें लेकर निजी केंद्र जा रहे हैं. इनलोगो के अलावा कई अन्य मरीजों को एक्सरे के लिए निजी क्लिनिको में राशि खर्च करनी पड़ी.
बहरहाल स्थापित किए जाने के बाद से ही ओपीडी स्थित डिजिटल एक्सरे मशीन बराबर दगा दे जा रही है. इस वजह से रेडियोलॉजी विभाग की मशीन पर अत्यधिक भार पड़ रहा है. इधर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि निजी क्लीनिकों में कराए जाने वाले एक्सरे अस्पताल में मान्य नहीं होंगे. डीएमसीएच के ओपीडी के अलावा इंडोर में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. सभी एक्सरे यूनिट के संचालन के लिए टेक्नीशियनों की कमी है. सरकार के नए निर्देश से अस्पताल प्रशासन की माथा पच्ची बढ़ सकती है. मरीजों की अत्याधिक संख्या के कारण वहां के संसाधन हांफते नजर आते हैं. उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया कि मशीन को दुरुस्त करने में इंजीनियर लगे हुए हैं. एक मरीज के एक्सरे में काफी वक्त लग जाता है. इस वजह से बाद में आए मरीजों को इंतजार करना ही पड़ेगा.उन्होंने माना कि टेक्नीशियनों की कमी के कारण भी परेशानी हो रही है.