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तलाश में बने डिजिटल लुटेरे
पटना (बिहार). पटना पुलिस ने एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। जिले के पत्रकारनगर थाना की पुलिस ने साइबर अपराधी विकास चौधरी को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। वह एटीएम से पैसे निकालकर अपने फ्लैट जा रहा था। इसी दौरान पुलिस ने उसे योगीपुर नहर के पास गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से पुलिस ने ढाई लाख रुपए कैश, 6 डेबिट कार्ड, 9 पासबुक, 2 चेकबुक, एक मोबाइल और एक स्कूटी बरामद की है। विकास चौधरी नालंदा के साइबर गिरोह का सदस्य है। पटना में बाइपास की ओर किराए पर एक फ्लैट लेकर रहता था। उक्त फ्लैट में तीन और साइबर अपराधी रहते थे, जो विकास चौधरी की गिरफ्तारी के बाद मौके से भाग निकले। जिले के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि विकास चौधरी के फरार साथियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है।
ऑन लाइन जॉब खोजते-खोजते बना साइबर ठग
पूछताछ में उसने पुलिस को बताया है कि दो साल पहले उसने इंटर पास किया था। इसके बाद ऑनलाइन जॉब खोजते-खोजते वह साइबर अपराधियों के गिरोह के संपर्क में आया। गिरोह के साथ मिल उसने कई साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया। अब कमीशन से वह साल में दो से ढाई करोड़ रुपए कमा लेता है। पूछताछ में पता चला है कि विकास जिस गिरोह के लिए काम करता है उसका सरगना नालंदा जिले के कतरीसराय का रहने वाला है। विकास चौधरी सरगना का नाम-पता नहीं बता पा रहा है। विकास चौधरी ने अपने नाम तीन खाते खुलवाए थे। इनमें से एचडीएफसी के खाते का ट्रांजक्शन डिलेट पुलिस को मिला है। जिसमें पता चला है कि साइबर ठगी करने पर विकास को कमीशन के रुप में एक साल में 67 लाख रुपए मिले हैं।
नालंदा का ही रहने वाला है, पकड़ाया आरोपी
गिरफ्तार साइबर अपराधी विकास चौधरी नालंदा के तेलमर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। पटना में रहकर वह साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम देता था। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि गिरोह में 30 और साइबर ठग शामिल हैं। सभी नालंदा के साथ-साथ बिहार के अन्य शहरों में रहकर लोगों से साइबर ठगी करते हैं। इनका गिरोह सट्टेबाजी भी करता है। विकास ने पुलिस को बताया है कि उसका गिरोह लोगों को केवाईसी अपडेट कराने, लोन देने, गिफ्च वाउचर, फ्रेंचाइजी आदि के नाम पर लोगों को झांसा देकर ठगी करता है। इधर, पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न जगहों पर छापेमारी कर रही है।
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