गया: उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि राज्य के छह और स्वास्थ्य संस्थानों में दीदी की रसोई सेवा शुरू हो गई है. एक महीने के भीतर राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज में दीदी की रसोई काम करने लगेगी. दुर्गापूजा तक राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, अनुमंडल अस्पताल व जिला अस्पतालों में दीदी की रसोई शुरू हो जाएगी.
अपने सरकारी आवास पांच सर्कुलर रोड में छह स्वास्थ्य संस्थानों में दीदी की रसोई सेवा का शुभारम्भ करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग का मकसद न केवल बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना है बल्कि रोजगार भी उपलब्ध कराना है. अब तक 69 स्वास्थ्य संस्थानों में दीदी की रसोई सेवा शुरू हो चुकी है. इससे 87 हजार भर्ती मरीजों को खान-पान की सुविधा दी जा रही है. हर महीने 1.40 करोड़ का कारोबार जीविका दीदी कर रही हैं. अब तक 24 करोड़ का व्यापार हो चुका है. कोईलवर मानसिक आरोग्यशाला संस्थान में सिलाई, साफ-सफाई व खान-पान का काम जीविका दीदी कर रही हैं. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. जिन छह स्वास्थ्य संस्थानों में दीदी की रसोई सेवा शुरू की गई है उसमें दो मेडिकल कॉलेज मधेपुरा व पावापुरी के अलावा चार अनुमंडल अस्पताल राजगीर, दानापुर, फारबिसगंज व धमदाहा शामिल हैं.
2018 में वैशाली अस्पताल से शुरू हुई थी दीदी की रसोई
जीविका के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राहुल कुमार ने कहा कि 2018 में वैशाली अस्पताल से दीदी की रसोई सेवा शुरू हुई. कैबिनेट की ओर से लिए गए निर्णय के आलोक में जीविका व राज्य स्वास्थ्य समिति के बीच करार हो चुका है. दीदी की रसोई का प्रेजेंटेशन केंद्र के समक्ष किया गया है. कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने तिथिवाद औषधि (एक्सपायरी मेडिसीन) निस्तारण नीति पुस्तिका का विमोचन किया. मौके पर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव सुधीर कुमार, जीविका के ओएसडी राजेश कुमार, स्वास्थ्य विभाग की ओएसडी रेणु कुमारी, राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, सहायक निदेशक (औषघि) मनीष रंजन, उप सचिव प्रमोद कुमार राम व राजेश कुमार मौजूद थे.