न्यूज़क्रेडिट: लाइव हिन्दुस्तान
नरेंद्र मोदी सरकार में 2019 में नीतीश कुमार की जेडीयू से कोई मंत्री नहीं बना इस पर तीन साल में कई लोग कई तरह की अटकल लगा चुके हैं लेकिन पहली बार खुद नीतीश कुमार ने अब ये राज खोल दिया है कि क्यों जेडीयू से कोई नरेंद्र मोदी कैबिनेट में नहीं शामिल हुआ।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में मीडिया से कहा कि हमने कहा था कि जेडीयू-बीजेपी के बिहार से 16-17 सांसद हैं, एक को पांच मंत्री देंगे और दूसरे को एक, इससे गलत मैसेज जाएगा। हमने कहा था कि जेडीयू से कम से कम नेताओं को मंत्री बनाना चाहिए लेकिन वो नहीं माने तो हमने सरकार में शामिल होने से मना कर दिया।
नीतीश ने कहा, "उनका 17, हमारा भी 16। और कितना राज्यसभा। वो अपना कितना मंत्री बना दिए बिहार का। हमने कहा कि बिहार का हमलोगों का भी मंत्री बनाइए। हमारा एक बनाइएगा और अपना पांच बनाइएगा तो समूचे बिहार में माहौल क्या बनाइएगा.। हमने उसी समय तय कर दिया था कि अगर हमको मिनिमम चार नहीं करिएगा तो फिर ठीक नहीं है। नहीं किए।"
नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह के मंत्री बनने पर उनकी सहमति और असहमति के मसले पर भी खुलकर बोला और कहा कि हमने आरसीपी सिंह को अध्यक्ष बनाया था। मंत्री वो खुद से बन गए। नीतीश ने कहा- "2020 के दिसंबर में अपनी जगह हम अध्यक्ष बना दिए। उसके बाद ही रूप सामने आने लगा। तब हमने कह दिया छह महीना के अंदर कि छोड़ दीजिए। केंद्र में जब मंत्री बने। तब ललन सिंह को बना दिया। कोई बनाया था पार्टी उनको। हम ही ना लोगों से कहे कि हम अब छोड़ रहे हैं और हमारी इच्छा है कि इनको बना दीजिए। पार्टी का लोग बात मानता रहा है।"
नीतीश कुमार ने आगे कहा- "कहां से कहां हमलोग किसको बना दिए। अब कुछ बोल रहा है। मेरे ही बारे में कुछ से कुछ बोलते रहता है। जिस आदमी को हमने इतना अधिक सम्मान दिया है, वो इस तरह की बात बोलता है। हम कहां से लाकर कहां पहुंचा दिए। मन में जो रहता है। अब जहां मन जाओ।"
नीतीश ने आरसीपी के मंत्री बनने के सीधे सवाल पर कहा- "हम क्यों कहेंगे मंत्री बनाने। हम तो अध्यक्ष बना दिए थे। तो अपनी मर्जी से हो गया। अब क्या कहते उसको जब हम उसको अध्यक्ष ही बना दिए तो। जब बन गया तब कहा कि बन गए हैं। तो हमने कहा कि अध्यक्ष पद छोड़ दीजिए। ललन सिंह को बनना है।"