मधुबनी न्यूज़: सदर अस्पताल परिसर में पीपीपी मोड पर संचालित डायलिसिस यूनिट किडनी रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यहां पर राशनकार्डधारी मरीजों को निशुल्क डायलिसिस होता है. वहीं समान्य मरीजों को सिर्फ 1745 रुपये में डायलिसिस की सुविधा मिलती है. इसके लिए बाहर में करीब दो हजार से 25 सौ तक वसूल की जाती है. डायलिसिस यूनिट में प्रतिमाह करीब 325 से 330 मरीजों की डायलिसिस होती है. प्रतिदिन करीब 13 से 15 मरीजों की डायलिसिस होती है.
एक डायलिसिस पूरा होने में करीब चार घंटे का समय लगता है. यह यूनिट प्रतिदिन सुबह पौने सात से रात आठ बजे तक खुली रहती है. सुबह सात बजे सभी मशीनों पर डायलिसिस शुरू होती है. इस दौरान दिन के 11 बजे तक डायलिसिस पूरा होता है. वहीं दूसरी पाली 1130 से 330 बजे तक चलती है.
जबकि शेष बचे मरीजों की डायलिसिस 330 से लेकर 730 तक चलती है. सेंटर इंचार्ज सचिन कुमार मिश्रा एवं इश्वर प्रकाश गुप्ता ने बताया कि हालांकि इमरजेंसी की नौबत आने पर ऑन कॉल वे लोग यूनिट पर पहुंचकर मरीजों की डायलिसिस शुरू करते हैं. इसके लिए दो नंबर भी जारी किए गये हैं, इमरजेंसी की नौबत आने पर मरीज 6204478775 एवं 7488445498 पर संपर्क कर सकते हैं. वैसे मरीजों के लिए रात में यूनिट खोलकर सेवाएं दी जाती हैं.
पटना से पहुंचते हैं नेफ्रालॉजिस्ट
यहां पहुंचने वाले मरीजों को प्रतिदिन फीजिशियन की देखरेख में डायलिसिस होती है, वहीं सप्ताह में दो बार वरिष्ठ नेफ्रालॉजिस्ट डॉ. संतोष प्रकाश पटना से पहुंचते हैं. वे यहां के तमाम मरीजों की मुफ्त में सलाह देते हैं. जिस दिन नेफ्रालॉजिस्ट पहुंचते हैं उस दिन सभी मरीजों को सूचना देकर बुलाया जाता है और उन्हें निशुल्क जांच के साथ अगर कहीं कोई दिक्कत आती है तो उसका त्वरित उपचार भी बताते हैं.
हेपेटाइटिस सी के मरीज के लिए अलग हैं मशीन
हेपेटाइटिस सी से पीड़ित डायलिसिस के मरीजों के लिए अलग से एक मशीन लगी है. यह मशीन पूरे जिले के किसी भी डायलिसिस सेंटर पर उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे हेपेटाइटिस सी से पीड़ित मरीजों को मधुबनी में ही सेवा मिल जाती है. उन्हें पैसे और परेशानी से मुक्ति मिल जाती है. प्रतिदिन दो ऐसे मरीजों की यहां डायलिसिस की जाती है.
राशनकार्डधारियों की निशुल्क डायलिसिस
सेंटर इंचार्ज सचिन कुमार मिश्रा एवं इश्वर प्रकाश गुप्ता ने बताया कि राशनकार्ड धारियों को निशुल्क में डायलिसिस होती है. राशनकार्डधारियों का पीएचएच डाटा से मिलान किया जाता है. उसके बाद आजीवन उनका निशुल्क उपचार होता है. हालांकि जिनके पास ये चीजें नहीं हैं उनको सिर्फ 1745 रुपये में डायलिसिस होती है. हालांकि फिलहाल यूनिट में दो टेक्निशियन का अभाव है. जिस वजह से कभी-कभी परेशानी उठानी पड़ती है