नालंदा: जिले में मधुमेह की बीमारी महिलाओं से ढाई फीसद अधिक पुरुषों में है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण पांच की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इसके अनुसार नालंदा जिला की 11.1 फीसद महिलाएं ही मधुमेह से पीड़ित हैं.
जबकि, जांच कराने आए लोगों में 13.6 फीसद पुरुषों में मधुमेह की शिकायतें मिली हैं. इनमें से अधिकतर रोगियों को इसके लिए दवा का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. सीएस डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि आरामतलबी होती आधुनिक जीवनशैली हमें बीमार बना रही है. मधुमेह एक बार होने पर जीवनभर परेशान करेगा. संयमित व सादा जीवन ही आपको निरोग रखेगा. इसके लिए रोजाना कम से कम आधा घंटा शारीरिक श्रम करने व अधिक प्रोटिनयुक्त भोजन नहीं लेने को कहा है. उन्होंने बताया कि दवा लेने से बेहतर है आप सही खान-पान व जीवनशैली को अपनाएं. भोजन में हरी सब्जियों के साथ ही रंगबिरंगे मौसमी फल व सलाद को शामिल करें. नियमित व्यायाम भी कारगर उपाय है.
मधुमेह रोगियों के मामले में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है. यह काफी चिंतनीय स्थिति है. शारीरिक श्रम से दूर होने के कारण मधुमेह के साथ ही रक्तचाप के मर्ज बढ़ रहे हैं. मधुमेह भले ही एक सामान्य बीमारी है. लेकिन, इसके कारण कई अन्य परेशानियां व बीमारियां होने लगती हैं. पहले यह बीमारी आम तौर से 50 साल के बाद होती थी. अब तो बच्चों में भी यह बीमारी मिलती है. विश्व स्वस्थ संगठन के रिपोर्ट के अनुसार अनियमित दिनचर्या, असंतुलित खानपान व जागरूकता के अभाव के कारण आज देश में 7.70 करोड़ लोग मधुमेह से ग्रसित हैं. नालंदा जिला में भी लगभग एक लाख से अधिक मधुमेह रोगी होने का अनुमान है.