बिहार

सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों व शिक्षकों का ब्यौरा पोर्टल पर रहेगा

Admindelhi1
16 March 2024 7:01 AM GMT
सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों व शिक्षकों का ब्यौरा पोर्टल पर रहेगा
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शिक्षा विभाग के ज्ञानदीप पोर्टल पर अनिवार्य रुप से साझा किया जायेगा.

मधुबनी: जिले के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों व शिक्षकों का ब्यौरा शिक्षा विभाग के ज्ञानदीप पोर्टल पर अनिवार्य रुप से साझा किया जायेगा.

समग्र शिक्षा के डीपीओ कृष्णानंद सादा ने बताया कि इस बाबत बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं समग्र शिक्षा को ज्ञानदीप पोर्टल पर अपडेट करने का निर्देश दिया गया है. बताते चलें कि इसके पहले ज्ञानदीप पोर्टल पर निजी स्कूलों को प्रस्वीकृति प्राप्त करने के रजिस्ट्रेशन का निर्देश दिया गया था. जिले में 5 सौ से अधिक निजी स्कूलों का इस पोर्टल के माध्यम से प्रस्वीकृति दी गई है. उन्होंने बताया कि अब इस पोर्टल को विकसित किया गया है. डीपीओ ने बताया कि 10 तक ज्ञानदीप पोर्टल विद्यार्थियों की सूची साझा करने को लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि विभागीय निर्देश के तहत 10 के बाद ज्ञानदीप पोर्टल पर पुराने सत्र के विद्यार्थियों की सूची नहीं ली जाएगी.

अपडेट करने से मिलेगी जानकारी

उन्होंने बताया कि ज्ञानदीप पोर्टल पर शिक्षकों का ब्यौरा अपडेट रहने के कारण सभी तरह के प्रोफाइल की जानकारी विभाग को मिल सकती है. इसके पूर्व ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर स्कूल, शिक्षक एवं बच्चों का प्रोफाइल भी अपलोड किया था.

5621 शिक्षकों ने दिया आवेदन

जिले में नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक बनने के व राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त करने लिए सक्षमता परीक्षा देने की तैयारी में जुट गये है. दो दिनों के अन्दर दूसरी बार जिले से इस परीक्षा के लिए 5631 शिक्षकों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पोर्टल पर अप्लाई किया था. जिनकी परीक्षा पटना स्थित विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर दो पालियों में ली जा रही है. शिक्षा विभाग के स्थापना डीपीओ रुबी कुमारी ने बताया कि इन आवेदनों में 5628 परीक्षा प्रपत्र को विभाग द्वारा अनुमोदन किया गया. जबकि दो प्रपत्र विभिन्न कारणों से रिजेक्ट किया गया.

वहीं एक प्रपत्र का रिव्यु किया गया है. उन्होंने बताया कि स्थापना प्रशाखा द्वारा अब तक 4827 प्रवेश पत्र को अपलोड किया गया है. जबकि लम्बित परीक्षा प्रपत्र की संख्या शून्य है. सनद रहे कि बिहार बोर्ड द्वारा को एक साथ इतने प्रवेश पत्र अपलोड किये जाने के कारण जिले में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई थी. बताते चलें कि प्रवेश पत्र पर डीपीओ स्थापना के हस्ताक्षर के बाद स्कैन करने के बाद ही प्रवेश पत्र को परीक्षा के लिए अधिकृत किया जाता है.

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