बिहार

मुख्यालय भेजे जाने वाले मासिक अपराध के आंकड़ों में देनी होगी विस्तार से जानकारी

Admindelhi1
27 May 2024 8:49 AM GMT
मुख्यालय भेजे जाने वाले मासिक अपराध के आंकड़ों में देनी होगी विस्तार से जानकारी
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मुठभेड़ और नालसीवाद पर दर्ज हुए केस का भी ब्योरा भेजना जरूरी

रोहतास: हत्या, लूट और डकैती ही नहीं, अब यह भी बताना होगा कि मुठभेड़ की कितनी घटनाएं हुईं. जिलों से मुख्यालय भेजे जाने वाले मासिक अपराध के आंकड़े में अब विस्तृत जानकारी देनी होगी.

पुलिस मुख्यालय ने जिले को अपराध के आंकड़े भेजने को लेकर प्रपत्र भेजा है. अब चार प्रपत्र में विस्तृत ब्योरा भरकर भेजना होगा. इससे पहले तक अपराध के मुख्य हेड की जानकारी भेजी जाती थी.

मुठभेड़ और नालसीवाद पर दर्ज हुए केस का भी ब्योरा भेजना जरूरी: मुठभेड़ और नालसीवाद पर दर्ज हुए केस का भी ब्योरा भेजना जरूरीनए प्रपत्र के तहत कई अतिरिक्त बिंदुओं पर ब्योरा भेजना जरूरी कर दिया गया है. अब मुठभेड़ से संबंधित कांडों की जानकारी भी भेजनी होगी. पुलिस एवं अपराधियों के बीच हुए मुठभेड़ पुलिस द्वारा मारे गए अपराधियों की संख्या, पब्लिक और अपराधियों के बीच हुए मुठभेड़ और उसमें मारे गए अपराधियों की संख्या, मुठभेड़ में जख्मी हुए अपराधियों की संख्या, इन कांडों में बरामद अवैध देशी शस्त्रत्ते की संख्या, बरामद गोली की संख्या, बरामद मिनी गन फैक्ट्री की संख्या और मुठभेड़ के कांडों में बरामद बमों की संख्या आदि का भी ब्योरा देना जरूरी होगा. इन सबके अलावा प्रपत्र तीन में शराब से संबंधित कांडों की संख्या, गिरफ्तारी और बरामदगी की जानकारी भी रिपोर्ट में देनी होगी. प्रपत्र चार में उक्त महीने में कोर्ट में दाखिल किए गए नालसीवाद पर दर्ज कांडों का ब्योरा भी भेजना जरूरी है. इससे यह पता चल सकेगा कि कितने मामलों में पुलिस के असहयोग की वजह से पीड़ित को कोर्ट जाना पड़ा और बाद में पुलिस ने उसी मामले में कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया गया. इसके साथ ही साइबर अपराध में एनसीआरपी (1930) पोर्टल पर हुई शिकायत में आईटी एक्ट के तहत दर्ज कांडों का भी ब्योरा भेजना होगा.

पहले इतनी ही दी जाती थी जानकारी: मासिक अपराध के आंकड़े की बात करें तो पहले तक जो ब्योरा भेजे जा रहे थे, उनमें उक्त एक महीने में घटित हत्या, डकैती, लूट, गृहभेदन, चोरी, साधारण दंगा, साधारण अपहरण, भीषण दंगा, फिरौती के लिए अपहरण, बलात्कार, शस्त्रत्त् अधिनियम, एनडीपीएस एक्ट, उत्पाद, एससी-एसटी, महिला उत्पीड़न, विविध, कुल संज्ञेय अपराध, सड़क दुर्घटना, सड़क दुर्घटना में मौत, सड़क दुर्घटना में जख्मी, बैंक डकैती, बैंक लूट, मार्ग डकैती और मार्ग लूट शामिल थे.

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