प्रशासनिक प्रयास के बाद भी अतिक्रमण से हर दिन शहर में लगता है जाम
कटिहार: प्रशासनिक प्रयास के बाद भी सड़कों का हर दिन अतिक्रमण किया जा रहा है. कुछ सड़क अस्थाई तो कई सड़कों पर स्थाई रूप से अतिक्रमित है. जिस कारण से शहर की सभी छोटी व बड़ी सड़कों की चौड़ाई काफी दिन के समय काफी कम होती है. इससे न केवल हर दिन सड़कों पर जाम हो जाती है. बल्कि इससे आवागमन करने में आवश्यक व अतिवाश्यक कार्य के लिए घर से निकले लोगों को काफी परेशान होना पड़ता है.
इस परेशानी का सामना न केवल आम लोग बल्कि प्रशासनिक और गैर प्रशासनिक, व्यवसायिक वर्ग और गैर व्यवसायिक वर्ग के लोगों को हर दिन करना पड़ रहा है. बावजूद हर प्रशासनिक प्रयास विफल हो रही है. हालांकि अतिक्रमण मुक्त शहर बनाने के लिए हर छह से बारह माह में प्रशासनिक और नगर निगम की ओर से प्रयास किया जाता है. मगर परिणाम के रूप में केवल विफलता ही मिलती है. जरूरत है वर्तमान जिला पदाधिकारी को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की ताकि शहर न केवल अतिक्रमण मुक्त होकर जाम मुक्त शहर भी बन सके.
अतिक्रमण के कारण 10 से 15 फीट में सिकुड़ जाती है सड़कें अतिक्रमण के कारण शहर की सड़के सिकुड़ कर 10 से 15 फीट रह जाती है. इसका मुख्य कारण यह है कि एमजी रोड, विनोदपुर, मंगल बाजार रोड, बड़ी बाजार रोड के दोनों और कई दुकानदारों द्वारा दुकान के सामानों को सड़क के किनारे ही रख दिया जाता है. सदर अस्पताल रोड, महिला कॉलेज रोड, न्यू मार्केट रोड, मिरचाईबाड़ी रोड के किनारे स्थाई रूप से संचालित दुकानों के दुकानदारों द्वारा सड़क को अतिक्रमित किया गया है.
कोर्ट, स्कूल व अस्पताल जाने वालों को होती सबसे अधिक परेशानी शहर की सड़कों पर जाम लगने से कोर्ट, स्कूल और अस्पताल जाने वाले शिक्षकों,कोर्ट कर्मी, रोगी, चिकित्सक, विद्यार्थियों को सबसे अधिक परेशानी होती है. जाम के कारण एंबुलेंस और स्कूल बस भी समय पर अस्पताल और स्कूल नहीं पहुंच पाती है.
कहां पर कहां पर सड़कों को किया जा रहा है अतिक्रमण शहीद चौक से बाटा चौक तक, बाटा चौक, न्यू मार्केट रोड, शहीद चौक से महमुद चौक तक, शहीद चौक से शिवमंदिर चौक, शिवमंदिर चौक से दौलतराम चौक, शिवमंदिर चौक से हरिगंज चौक तक, अंबेडकर चौक से अमरजवान चौक मिरचाईबाड़ी तक जाने वाली सड़कों को दोनों किनारे से अतिक्रमण कर लिया जाता है. इस कारण इन जगहों पर जाम की समस्या आम हो गई है. जाम की समस्या के कारण लोगों को काफी फजीहत झेलनी पड़ती है पर इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है