मधुबनी न्यूज़: पिछले कुछ दिनों से घने कोहरा एवं पाला गिड़ने से सब्जी एवं तेलहन फसल पर असर डालना शुरु कर दिया है. कुहासा से पाला की बूंदे पड़ने से आलू, बैगन,टमाटर,तेलहन फसल सरसों, तोड़ी एवं सूर्यमुखी का बढ़वार पर आफत बनकर असर डाल रहा है. अचानक मौसम में बदलाव होने तथा सामान्य से आठ डिग्री तक तापमान कम हो गया है. वातावरण में बढते एवं घटते असमान्य तापमान से फसलों में रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि अगले चार दिन तक ठंड में कमी नही होगी. दिनभर धूप नही निकली . अगले दो दिन तक धूप नही खिलने से हाड़ हिलाने वाली पछुआ हवा का प्रभाव बना रहेगा. किसानों को कनकनी एवं कुहासा व धुंध के कारण फसलों के प्रभावित होने से फसल बचाने की चिंता बढा दिया है. किसानों को गेहूं एवं दलहन फसल के लिए कोहरा एवं कम तापमान से लाभ भी दिखाई दे रहा है. किसान ने बताया कि गेहूं के पहली सिंचाई के बाद पौधों हरे भरे होकर कल्ले निकालने के लिए यह कनकनी वाली ठंड उपयोगी है. दलहन फसल में नमी की कमी की भरपाई पाला की बूंदे लाभ पहुंचा रही है. आलू खेती करने वाले रामराज शर्मा, दयाशरण एवं भरत साहु सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह से आलू फसल की सुरक्षा का जुगाड़ कर रहे हैं. लेकिन मौसम दगाबाजी कर रहा है. फसल बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहें हैं.
कृषि विशेषज्ञ एवं किसान सलाहकार संजीव कुमार झा ने कुहासा पाला एवं कोहरे से फसल सुरक्षा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अत्यधिक ठंड लगने से पौधे पोषक तत्व लेना बंद कर देता है.
पौधे की रोग से सुरक्षा की प्राकृतिक क्षमता प्रभावित हो जाता है. सामान्य से कम तापमान होने से झुलसा रोग का असर धूप निकलने पर दिखाई देने लगता है. इससे बचाव के लिए खेत के आसपास पुआल व भूसा जलाकर धुंआ करने तथा सिंचाई करने से लाभ हो सकता है.