बिहार

उर्दू निदेशालय पटना के निर्देश पर उर्दू तालिम पर होगी वाद-विवाद प्रतियोगिता

Admindelhi1
26 Feb 2024 7:30 AM GMT
उर्दू निदेशालय पटना के निर्देश पर उर्दू तालिम पर होगी वाद-विवाद प्रतियोगिता
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उर्दू भाषा के विकास के लिए जिले में अक्सर विविध गतिविधियां आयोजित होती हैं

कटिहार: उर्दू भाषा के विकास के लिए जिले में अक्सर विविध गतिविधियां आयोजित होती हैं. इस क्रम में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के उर्दू निदेशालय, पटना के निर्देश पर उर्दू तालिम, जबान व गजल की अहमियत व लोकप्रियता पर आधारित वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी.

जिला उर्दू भाषा कोषांग द्वारा वर्ष -24 के तहत जिला उर्दू भाषी विद्यार्थी प्रोत्साहन राज्य योजना के तहत उक्त प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी. इसका आयोजन आगामी 28 को शहर स्थित जिला परिषद के सभागार में होगा. इस प्रतियोगिता में तीन वर्ग समूह मैट्रिक, इंटर व स्नातक या समकक्ष के तहत छात्र-छात्राएं शामिल होंगे. प्रत्येक वर्ग समूह में से तीन-तीन प्रतिभागियों का चयन किया जाना है. भाग लेनेवाले प्रतिभागी स्थानीय निवासी होने चाहिए. तीनों वर्ग समूहों के लिए वाद-विवाद करने के लिए अलग-अलग विषय भी निर्धारित हैं. जिसमें मैट्रिक व समकक्ष वर्ग समूह के लिए विषय है ‘तालिम की अहमियत’. इंटर व समकक्ष वर्ग समूह के लिए विषय है ‘उर्दू जबान की अहमियत’. जबकि, स्नातक व समकक्ष वर्ग समूह के लिए विषय है ‘उर्दू गजल की लोकप्रियता’. प्रतियोगिता के लिए इच्छुक उर्दू भाषी अध्ययनरत विद्यार्थी वर्गवान अपने नामों की चयन सूची स्कूल व कॉलेज के प्रधान के माध्यम अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय गोपालगंज पांच बजे तक निबंधन के लिए जमा कराएंगे. विभागीय निर्देशानुसार प्रतियोगिता में सफल हुए प्रतिभागियों को मोमेंटो, निर्धारित प्रोत्साहन राशि व प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा.

मानदेय वृद्धि के लिए किया प्रदर्शन

सरकारी घोषणा के बावजूद मानदेय में वृद्धि नहीं होने से नाराज आशा कार्यकर्ताओं ने सीएचसी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व आशा कार्यकर्ता संघ की प्रखंड अध्यक्ष सविता देवी कर रही थी.

इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार व बिहार सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की. आशा कार्यकर्ताओं का कहना था कि पिछले वर्ष हड़ताल के दौरान राज्य सरकार ने एक हजार रुपए प्रतिमाह से बढ़कर उनका मानदेय दो हजार पांच सौ रुपए प्रतिमाह करने की घोषणा की थी. घोषणा के बावजूद अब तक उन्हें मानदेय वृद्धि का लाभ नहीं मिल सका है. सरकार यदि उन्हें घोषणा के आधार पर मानदेय दो हजार पांच सौ रुपए प्रति माह नहीं देती है, तो बाध्य होकर वे फिर स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित करेगी. आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सौंपा. मौके पर नीरू कुंवर, निर्मला देवी, पूनम देवी, चंपा देवी, उषा देवी, बैजांती देवी, रिंकी देवी, अमला देवी, अनीता प्रसाद, मंजू देवी, बबिता देवी, मीना देवी, बीनू देवी आदि आशा कार्यकर्ता मौजूद थीं.

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