स्वीमिंग पूल में किशोर की डूबने से मौत की जांच होगी, टीम गठित
भागलपुर न्यूज़: सैंडिस कंपाउंड के स्वीमिंग पूल में की शाम डूबकर हुई सारिक की मौत का मामला तूल पकड़ने लगा है. इस मामले में प्रमंडलीय आयुक्त दयानिधान पांडेय ने नगर आयुक्त डा. योगेश कुमार सागर को तलब किया और पूरे मामले की रिपोर्ट देने को कहा. हालांकि इससके पहले ही नगर आयुक्त ने स्मार्ट सिटी कंपनी के टेक्निकल अधिकारियों की जांच समिति गठित कर दी थी. इधर इस मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. प्रमंडलीय आयुक्त ने नगर आयुक्त को बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिया. मेयर बसुन्धरा लाल ने बताया कि इस संबंध में नगर आयुक्त से बात हुई है. नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि आयुक्त के निर्देश के आलोक में जांच टीम का गठन किया गया है. जांच टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
मेयर ने बताया कि इसमें अगर मुआवजा देने का भी कोई प्रावधान होगा तो उस पर विचार किया जाएगा. यह गंभीर मामला है. यह पता लगाया जा रहा है कि स्वीमिंग पूल किस उद्देश्य और किसके लिए बनाया गया है. मेयर ने यह भी सवाल उठाया है कि अगर यह स्वीमिंग पूल 2 मीटर गहरा है तो इसमें गैर तैराक व्यक्ति को उतरने की इजाजत कैसे दी गई. स्थायी समिति सदस्य संजय सिन्हा ने भी कहा है कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. इधर स्मार्ट सिटी कंपनी के सीजीएम संदीप कुमार ने बताया कि स्मार्ट सिटी कंपनी की टीम इस मामले की जांच कर रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि किसी एक्सपर्ट टीम से भी जांच करायी जाय या नहीं. वहीं सैंडिस कंपाउंड में स्वीमिंग पूल बंद पाया गया. वहां कोई कर्मचारी भी मौजूद नहीं था.
एक्सपर्ट बोले- स्वीमिंग पूल का निर्माण ही गलत: नेशनल लेवल के तैराक अनमोल श्वेतराज ने बताया कि भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में स्वीमिंग पूल के निर्माण में ही त्रुटि है. जो 50 मीटर लंबा स्वीमिंग पूल होता है उसमें स्लोप टेक्नोलॉजी होती है. यानि एक तरफ कम गहरा और दूसरी तरफ ज्यादा गहराई. भागलपुर में जो स्वीमिंग पूल बना है उसमें हर तरफ एक समान गहराई है जो गलत है. बेंगलुरू में इस स्तर के कई स्वीमिंग पूल हैं और उसमें एक घंटे के लिए 40 से 50 रुपए ही लिये जाते हैं. इस लिहाज से भागलपुर में रेट भी ज्यादा है. पूल में एडवांस बैच और पब्लिक बैच अलग-अलग चलता है. एडवांस बैच में तैराकी जानने वाले होते हैं उन्हें डीप जाने की इजाजत होती है. पब्लिक बैच में लोगों को डीप जाने की इजाजत नहीं है. अगर 10 लेन का स्वीमिंग पूल है तो इसमें बराबर दूरी पर रोप लगा होना चाहिए. ताकि डूबने से बचने के लिए उसका इस्तेमाल हो सके, लेकिन भागलपुर में ऐसा नहीं है.