बिहार

Darbhanga: बिहार में ‘जल प्रलय’, 13 जिलों में हाहाकार लोगों ने छोड़े आशियाने

Tara Tandi
30 Sep 2024 4:53 AM GMT
Darbhanga: बिहार में ‘जल प्रलय’, 13 जिलों में हाहाकार लोगों ने छोड़े आशियाने
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Darbhanga दरभंगा। बिहार की शोक कही जाने वाली नदी कोसी में करीब साढ़े छह लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद आए उफान ने आज दरभंगा जिले के कीरतपुर प्रखंड में अपना रौद्र रूप दिखाया और भभौल के पास पश्चिमी तटबंध टूटने के कारण 30 से अधिक गांव के बाढ़ की चपेट में आने से एक लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित हुई। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि जल संसाधन विभाग के अभियंताओं और जिला प्रशासन की कड़ी मशक्कत के बावजूद कीरतपुर प्रखंड के भभौल गांव के पास कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध लगभग एक किलोमीटर को लंबाई में टूट गया। तटबंध के टूटने से किरतपुर, घन्यश्यामपुर और गौराबैराम प्रखंड में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया।
30 गांव तटबंध टूटने से प्रभावित हुए हैं
सूत्रों ने बताया कि कीरतपुर प्रखंड की आठों पंचायत कीरतपुर, झगड़ुआ, जगसो, खैंसा, तड़वाड़ा, कुबौल ढ़ांगा, जमालपुर एवं रसियारी के लगभग 30 गांव तटबंध टूटने से प्रभावित हुए हैं। साथ ही गौरा बौराम प्रखंड के भी पांच पंचायत मैं बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ की इस विभीषिका में लगभग एक लाख की आबादी प्रभावित हुई है। इन प्रखंडों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा। तेज कटाव के कारण कई सड़क और पुल-पुलियों के क्षतिग्रस्त होने से इन प्रखंडों का जिला मुख्यालय से संपर्क बाधित गया है।
कोसी नदी तटबंध के बीच में बसे गांव के लोग भयभीत
कीरतपुर प्रखंड क्षेत्र के जमालपुर थाना से एक किलोमीटर दूर नरकटिया और कीरतपुर चौक के समीप रविवार शाम तक कोसी नदी का पानी ओवरफ्लो हो कर तटबंध से उपर बहने लगा था। इससे कमला और कोसी नदी तटबंध के बीच में बसे गांव के लोग भयभीत होकर सभी समान लेकर तटबंध और बाढ़ आश्रय स्थल पर पलायन कर गए। हालांकि जिला प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर तटबंध को बचाने की कोशिश की लेकिन विफल रहे।
जल संसाधन विभाग के अभियंता को फटकार लगाई
जिलाधिकारी राजीव रोशन ने स्वयं कमान संभाली और मिट्टी भारी बोरियों को अपनी गाड़ी से ओवरफ्लो स्थल पर पहुंचाया। इतना ही नहीं वह खुद भी बोरी उठाते दिखे। जिलाधिकारी की मशक्कत को देखकर कई स्थानीय लोगों ने बोरी उठाने में मदद की। वहीं, जल संसाधन विभाग के अभियंता द्वारा व्यापक तैयारियां नहीं कि गई थी, जिसको लेकर जल संसाधन विभाग के अभियंता को फटकार लगाई गई।
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