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Darbhanga: बिहार के वीआईपी अब अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर-एयरक्राफ्ट से उड़ान भरेंगे

Admindelhi1
28 Sep 2024 6:16 AM GMT
Darbhanga: बिहार के वीआईपी अब अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर-एयरक्राफ्ट से उड़ान भरेंगे
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कैबिनेट विभाग ने इसकी तैयारी पूरी की

बिहार: राज्य के अति विशिष्ट और विशिष्ट लोग अब अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर-एयरक्राफ्ट से उड़ान भरेंगे. राज्य सरकार इसके लिए एक हेलीकॉप्टर और एक एयरक्राफ्ट वेट लीज पर लेने जा रही है. कैबिनेट विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. ये पूरे देश में उड़ान भर सकेंगे.

विभागीय अधिकारी के अनुसार, हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट इसी माह बिहार आ सकते हैं. 7-8 सीटर हेलीकॉप्टर दो इंजन वाला होगा. इसका परिचालन 5 साल के लिए होगा. इसी तरह एयरक्राफ्ट 8 से 10 सीटर होगा. मगर यह केवल एक साल के लिए ही लीज पर लिया जाएगा. सेवा संतोषप्रद होने की स्थिति में इसे एक वर्ष आगे बढ़ाया जाएगा. राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि ये दोनों हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट अत्याधुनिक तकनीक वाले होंगे और वीवीआईपी तथा वीआईपी कैटेगरी के लोगों के लिए होंगे. सरकार इसे वेट लीज की शर्तों के साथ लीज पर लेगी. इसके कारण सरकार को इसके रखरखाव की चिंता भी नहीं करनी होगी. सारा रखरखाव संबंधित कंपनी ही करेगी. दरअसल, अभी प्रदेश में हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट भाड़े पर लेना पड़ता है. यह महंगा तो पड़ता ही है, परेशानी भी होती है. राज्य सरकार उड्डयन के क्षेत्र को आधुनिक बनाने की योजना पर काम कर रही है. इसी क्रम में बेहतर पायलट प्रशिक्षण के लिए तीन नई और नवीनतम फ्लाइट सिमुलेटर खरीदने की योजना को पिछले दिनों ने कैबिनेट ने मंजूरी दी थी. फ्लाइट सिमुलेटर का उपयोग उड़ान प्रशिक्षण के लिए होगा. के पहले सप्ताह तक इसकी प्रक्रिया भी पूरा हो जाएगी.

राजद के शासन में शिक्षकों का हो रहा था पलायन: भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक कन्हैया सिंह ने कहा है कि बिहार की जनता अभी उस पलायन के दौर को नहीं भूली है जब राजद के शासनकाल में बिहार से शिक्षकों का पलायन हो रहा था.

जारी बयान में भाजपा नेता ने कहा कि उस समय बिहार में कोचिंग सेंटर चलाने वाले शिक्षकों की स्थिति भयावह थी. उस वक्त को याद कर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं. डॉ. सिंह ने कहा कि उस शासनकाल में शिक्षकों से रंगदारी मांगी जाती थी. उन पर हमले होते थे. समाज को ज्ञान देने वाले शिक्षकों में भय व्याप्त था. वे शाम होने के बाद घरों से बाहर निकलने में डरते थे. उस समय के जाने-माने शिक्षक प्रो. एस लाल को गोली मारी गई. कई शिक्षकों को अभद्र भाषा कहकर अपमानित किया गया था. और तो और मैं खुद भुक्तभोगी बना. मुझ पर भी गोलियां चली थी.

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