दरभंगा: अनुमंडलीय अस्पताल की ओपीडी सेवा धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है. विशेषज्ञ चिकित्सकों के पदस्थापित होने और सेवा देने से मरीजों को अब भटकना नहीं पड़ रहा है. इलाज के साथ ही मुफ्त दवा भी मिल रही है.
जानकारी के अनुसार 24 में आजतक कुल रजिस्टर्ड मरीजों की संख्या 5 हजार से अधिक हो गई है. औसतन प्रतिदिन तीन सौ से अधिक मरीजों का इलाज किया जा रहा है. वहीं, प्रसूता महिलाओं की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है. अनुमंडलीय अस्पताल की ओपीडी सेवा कभी डेढ़ सौ मरीजों तक ही सिमट जाती थी. जिसका मुख्य कारण विशेषज्ञ चिकित्सकों की यहां पोस्टिंग नहीं होना था. पदस्थापित चिकित्सक ढंग से से ड्यूटी भी नहीं कर रहे थे. इधर, स्वास्थ्य विभाग के आदेश के आलोक में पदस्थापित सभी चिकित्सकों को सप्ताह में छह दिन सेवा देना अनिवार्य है. आदेश के आलोक में डीएस डॉ. गिरीश कुमार सिंह ने भी सभी को बायोमीट्रिक हाजिरी बनाने और उसी के अनुसार वेतन भुगतान करने का फरमान जारी किया है. जिसका पालन शुरू कर दिया है. इसका लाभ मरीजों को मिल रहा है. ओपीडी में मरीजों की लंबी कतार लगने लगी है.
हेडमास्टर समेत शिक्षक गायब मिले होगी कार्रवाई: निरीक्षण के दौरान गायब मिले उत्कमित मध्य विद्यालय पसौर टोला के प्रधानाध्यापक और आधा दर्जन शिक्षकों का वेतन स्थगित करते हुए पीरो बीडीओ सुनील कुमार गौतम ने सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. बीडीओ के अनुसार 14 को विद्यालय का निरीक्षण के दौरान स्कूल के प्रधानाध्यापक के अलावा शिक्षक मिथिलेश कुमार, अमित रंजन, कुमार अनिल सिंह, संजू सरिता, अनिता कुमारी यादव और रोशनी कुमारी बगैर सूचना गायब थे .
प्रधानाध्यापक से उपस्थिति पंजी मांगा गया तो दो दिनों तक वे टालमटोल करते रहे. दो दिन बाद जब उन्होंने उपस्थिति पंजी प्रस्तुत की तो उसमें बगैर आदेश सभी शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कर ली थी. बीडीओ ने इसे कर्तव्यहीनता का मामला बताते हुए उक्त विद्यालय के एचएम व आधा दर्जन शिक्षकों का वेतन फिलहाल स्थगित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस का दो दिनों के अंदर जवाब देने को कहा गया है.