मुजफ्फरपुर न्यूज़: डॉल्फिन मैन के नाम से चर्चित शिक्षाविद आरके सिन्हा का कहना है कि जलीय जीव-जंतु के लिए स्थिति भयावह हो चुकी है. नदियों में कम और प्रदूषित पानी के कारण जलीय जीव-जंतु पर खतरनाक असर हो रहा है. उन्होंने कहा कि हम यह मानने को तैयार नहीं है कि बिहार में कम बारिश हो रही है. हकीकत यह है कि देश-प्रदेश में बेमौसम या असमय बारिश हो रही है. इस कारण नदियों का जलस्तर कम हो रहा है या वे सूख रही हैं. दूसरी ओर समुद्र का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इसका सीधा असर जलीय जीव-जंतुओं पर हो रहा है.
उन्होंने कहा कि राज्य की नदियों में पहले कई तरह के जलीय जीव-जंतु पाए जाते थे जो आज या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने के कगार पर हैं. भले ही बिहार में पेयजल संकट अभी देश के दूसरे राज्यों की तरह नहीं है. लेकिन राजस्थान, महाराष्ट्र में पेयजल संकट को कौन नहीं देख रहा है. इसलिए जरूरत इस बात की है कि हम बूंद-बूंद पानी का संरक्षण करें. उससे जलीय जीव-जंतु पर सकारात्मक असर होगा.
राज्य की 13 नदियों में दो करोड़ मछली का जीरा डाले जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका कोई खास असर नहीं होगा. नदियों का पानी लगातार प्रवाहित होते रहता है. ऐसे में मछली का जीरा नदियों में कैसे रुकेगा. सरकार ने किस मंशा से इस योजना पर काम करना तय किया है, इस पर हमें कुछ नहीं कहना. लेकिन हकीकत यह है कि नदियों से मछली लेकर तालाब, ताल-तलैया में डाला जाता रहा है. नदियों में मछली खुद ही बच्चा देती है. मछली के मामले में गंगा नदी समृद्ध रही है. अब कृत्रिम तरीके से मछली का पालन हो रहा है. पानी का अभाव और प्रदूषित नदियों के कारण मछली सहित सभी जलीय जीव-जंतु पर बुरा असर हो रहा है.