बेगूसराय न्यूज़: आलू की खेती करना किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है.
आलू की कीमत में हुई अप्रत्याशित गिरावट के कारण किसानों को घाटा हो रहा है. किसानों को उनकी मेहनत और उत्पाद का सही कीमत नहीं मिलने से लागत मूल्य भी नहीं निकल रहा है. इस से आलू उत्पादक किसान कर्ज तले डूब रहे हैं. इस कारण लाल आलू उपजाने वाले किसानों के चेहरे की लाली पीले पङ गए हैं. इस संबंध में खोदावंदपुर गांव की प्रगतिशील किसान सुनीता कुमारी, दौलतपुर के किसान मोहिबुल हसन, बेगमपुर के कृष्ण कुमार झा सहित अनेक किसान ने बताया कि एक कट्ठा आलू की खेती में बीज, खाद, दवाई, सिंचाई, मजदूरी इत्यादि को मिलाकर लगभग 1900 रुपये का खर्च आता है.
इस समय आलू का उत्पादन लगभग तीन क्विंटल प्रति कट्ठा प्राप्त हो रहा है. बाजार में बाहरी आलू आ जाने के कारण स्थानीय आलू का रेट गिर गया है. अभी बाजार में लाल आलू साढ़े पांच सौ रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है. इस प्रकार किसान को लगभग 1650 रुपये प्रति कट्ठा प्राप्त हो रहा है.