बिहार

महाअष्टमी को लेकर मां दुर्गे को डलिया चढ़ाने मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Shantanu Roy
4 Oct 2022 6:24 PM GMT
महाअष्टमी को लेकर मां दुर्गे को डलिया चढ़ाने मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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भागलपुर। शारदीय नवरात्र पर सोमवार अष्टमी को देवी दुर्गा के दर्शन एवं डलिया चढ़ाने के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर जहां शंख-घंटे की ध्वनि और ढाक के गूंज से गुंजायमान हो रहा हैं वहीं दुर्गासप्तशती के पाठ से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। परबत्ती दुर्गामंदिर, इशाकचक दुर्गा मंदिर, मुंदीचक गढ़ैया, मोहद्दीनगर दुर्गामंदिर, गुड़हट्टा चौक दुर्गा मंदिर, लहेरीटोला सहित अन्य मंदिरों में डलिया चढ़ाने की भीड़ लगी रही। देवी के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा-अर्चना की गई। मंगलवार को दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिधात्री की पूजा होगी। इनकी आराधना करने से दुख दारिद्र और भय दूर होते हैं। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार इनमें सभी तरह की सिद्धियां प्राप्त होती है। इशाकचक दुर्गा मंदिर में एक हजार से अधिक लोगों ने डलिया चढ़ाया। छितनु सिंह अखाड़ा हड़ियापट्टी में भी बाजार की महिलाओं ने सुबह से देर शाम तक डलिया चढ़ाया। नवमी को सुबह हलुवा और शाम में खिचड़ी का वितरण किया जाएगा। पूजा समिति के संरक्षक जयनंदन आचार्य, अध्यक्ष ब्रह्मदेव साह ने बताया कि सैकड़ों महिलाओ ने यहां मां को डलिया चढ़ाया। मंगलवार को सुबह 9ः30 बजे हवन उसके बाद कन्या पूजन किया जाएगा। 51 कन्याओं का लिस्ट मिला है। 101 कन्या कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सचिव त्रिभुवन सिंह, संरक्षक जयनंदन आचार्य, मुन्ना झा, रमन आदि लगे हुए हैं। दुर्गाबाड़ी, कालीबाड़ी में डेढ़ हजार से अधिक हांडी का भोग मां को लगाया गया। दुर्गाबाड़ी के सचिव सुब्रतो मोइत्रा ने बताया कि शाम में संधि पूजा किया गया। स्थानीय बच्चों के द्वारा नृत्य-संगीत का आयोजन किया गया। बुधवार को पुलाव, सब्जी पनीर, आदि का भोग लगाया गया जबकि कालीबाड़ी के महासचिव बिलास कुमार बागची ने बताया कि बंगाली समाज में संधिपूजा का बहुत ही महत्व है तथा निर्धारित समय के आधार पर पूजा की गई और ईख, कुम्हड़ की बलि दी गई। पूजा में 108 घी के दीए जलाए गए तथा 108 बोलपत्र की माला और 108 कमल के फूल चढ़ाए गए। पुलाव और पांच तरह की भाजी और सब्जी, दो प्रकार की चटनी और खीर का भोग लगाया गया। भोग लेने के लिए जिले के बाहर से भी लोग पहुंचे थे। पुष्पांजलि में सुबह काफी भीड़ लगी रही। देवी को आज साड़ी, चूड़ी सहित अन्य शृंगार की सामग्री चढ़ाई गई। रायबाड़ी, सरकारबाड़ी, रेलवे लोको परिसर, मारबाड़ी पाठशाला सहित अन्य जगहों पर बंगाली रीति से पूजा की गई। मंगलवार नवमी को भी बलि और शाम को आरती होगी। दसवीं पूजा के दिन मां की अपराजिता फूल से पूजा करने का विधान है। विदाई के समय मां को दही-चूड़ा, चीनी, फल, मिठाई आदि का भोग लगाया जाएगा।
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