जंक फूड की दीवानगी भारी, बच्चों को लग रही बुढ़ापे की बीमारी
भागलपुर न्यूज़: जंक फूड के प्रति दीवानगी और चाकलेट, आइसक्रीम का प्रेम न केवल बचपन को मोटा कर रहा है बल्कि उनका चलना-फिरना मुहाल कर दे रहा है. यहां तक उनके दांत-मसूढ़े सड़ रहे हैं तो तेज चलने पर उनकी सांस फूलने लग रही हैं. बुजुर्गों को होने वाली बीमारी के शिकार बच्चे इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं.
इनमें मौजूद है ट्रांस फैटी एसिड
वरीय दंत रोग चिकित्सक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि कई बच्चों में जंक फूड से कई तरह की ओरल बीमारियां हो रही हैं. बच्चों के दांतों में कीड़ा लगने और कैविटी के केस आ रहे हैं. क्योंकि इसमें ट्रांस फैटी एसिड मौजूद होता है. यह लिवर की समस्या पैदा कर सकता है. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजकमल चौधरी बताते हैं कि फास्ट फूड का असर तुरंत नहीं दिखता. रोज फास्ट फूड खाने से पेट की बीमारियां धीरे-धीरें बढ़ती हैं. चूंकि, फास्ट फूड में फैट और ज्यादा कैलरीज होती है. एक्सरसाइज न करने पर यह बर्न नहीं होती. महीने में एकाध बार फास्ट फूड खाने से दिक्कत नहीं. रोज की डाइट में शामिल करने पर तीन से चार महीने बाद बीपी, शुगर और वजन बढऩा शुरू हो जाता है.
13 साल के बच्चे को सांस फूलने का लगा रोग
राधा रानी सिन्हा रोड निवासी 13 साल के किशोर का पेट फास्ट फूड खाने के बाद ही भरता था. स्इन दिनों उसका वजन 56 किलो पहुंच गया. ज्यादा तेज चलने या फिर हल्की दौड़ में ही उसकी सांसें फूलने लगती थी. एक माह से उसका इलाज वरीय फिजिशियन की देखरेख में चल रहा है.
11 साल की उम्र में मिली फैटी लीवर की बीमारी
तिलकामांझी निवासी 11 साल के बच्चे का वजन 53 किलो हो गया है. उसकी शारीरिक गतिविधियां कम और सुस्त रहने की समस्या बढ़ गयी है. पेट में तेज दर्द रहता है, जांच हुआ तो उसे फैटी लीवर निकला. करीब दस दिन तक दवा चलने के बाद उसे राहत मिली.
महिलाओं को पुरुषों से कम लेनी चाहिए कैलोरी
महिलाओं को जहां हर रोज 1600 से 1700 कैलोरी की जरूरत होती है तो वहीं पुरूषों को दो हजार से 2100 के बीच हर रोज कैलोरी लेनी चाहिए. 40 साल की उम्र के बाद हर दस साल में पांच प्रतिशत कैलोरी अपने भोजन में कम करनी होगी. क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ ही ज्यादा मेहनत नहीं हो पाती है. जिससे ज्यादा कैलोरी का भोजन न केवल मोटापा बढ़ाता है बल्कि सीढ़ी आदि चढ़ने पर सांस फूलने से लेकर बीपी, शुगर, हृदय रोग जैसी समस्या को जन्म देता है.
ब्लड फिल्टर से लेकर कोलेस्ट्राल नियंत्रण
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकुर प्रियदर्शी कहते हैं कि लीवर का काम ब्लड फिल्टर, कोलेस्ट्राल पर नियंत्रण व प्रोटीन बनाना होता है. जंक फूड के सेवन से लीवर में दिक्कत आती है. वहीं जंक फूड में सोडियम, कैलोरीज तो होती है, लेकिन विटामिन व फाइबर न के बराबर होता है. डॉ. राजकमल चौधरी बताते हैं कि मौसमी फल, हरी सब्जियां, साबूत अनाज, कम वसायुक्त दूध उत्पाद, फास्ट फूड की क्रेविंग होने पर घर पर बने व्यंजन का सेवन करेंगे तो स्वस्थ रहेंगे.