बिहार

अदालत ने जाली नोट मामले में दोषी को आठ वर्षों के कारावास की सजा सुनाई

Admin Delhi 1
9 Sep 2022 10:00 AM GMT
अदालत ने जाली नोट मामले में दोषी को आठ वर्षों के कारावास की सजा सुनाई
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सिटी कोर्ट रूम न्यूज़: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की बिहार में पटना व्यवहार न्यायालय स्थित विशेष अदालत ने भारतीय जाली नोटों के व्यापार के मामले में गुनाह कबूल करने वाले एक अभियुक्त को आज आठ वर्षों के कारावास के साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में एक आवेदन दाखिल कर अभियुक्त जूलकार शेख ने अपना गुनाह कबूल किया था। अभियुक्त पश्चिम बंगाल के मालदा जिला स्थित वैष्णव नगर थाना क्षेत्र के कुंभीरागांव का रहने वाला है। अदालत ने अभियुक्त को उसके आवेदन पर पुनर्विचार करने का भी समय दिया था। कबूलनामे पर कायम रहने के कारण अदालत ने आवेदन स्वीकार करते हुए अभियुक्त को भारतीय दंड विधान की अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिया। अभियुक्त की ओर से कम से कम सजा दिए जाने की मांग की गई थी। सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अदालत ने यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को दो महीनों के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।

आरोप के अनुसार, पश्चिम चंपारण जिले में बेतिया नगर थाने की पुलिस ने 02 फरवरी 2019 को जूलकार शेख को 400000 के जाली भारतीय नोटों के साथ गिरफ्तार किया था।उसके बाद बेतिया थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में एनआईए ने जांच की थी और एक अन्य व्यक्ति कमरुज्जमा उर्फ सलीम की सहभागिता पाते हुए दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। कमरुज्जमा ने भी अपना गुनाह कबूल कर लिया था, जिसके बाद 31 मार्च 2022 को इसी अदालत ने उसे भी आठ वर्षों के कारावास की सजा सुनाई थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की बिहार में पटना व्यवहार न्यायालय स्थित विशेष अदालत ने भारतीय जाली नोटों के व्यापार के मामले में गुनाह कबूल करने वाले एक अभियुक्त को आज आठ वर्षों के कारावास के साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में एक आवेदन दाखिल कर अभियुक्त जूलकार शेख ने अपना गुनाह कबूल किया था। अभियुक्त पश्चिम बंगाल के मालदा जिला स्थित वैष्णव नगर थाना क्षेत्र के कुंभीरागांव का रहने वाला है। अदालत ने अभियुक्त को उसके आवेदन पर पुनर्विचार करने का भी समय दिया था। कबूलनामे पर कायम रहने के कारण अदालत ने आवेदन स्वीकार करते हुए अभियुक्त को भारतीय दंड विधान की अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिया। अभियुक्त की ओर से कम से कम सजा दिए जाने की मांग की गई थी। सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अदालत ने यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को दो महीनों के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।

आरोप के अनुसार, पश्चिम चंपारण जिले में बेतिया नगर थाने की पुलिस ने 02 फरवरी 2019 को जूलकार शेख को 400000 के जाली भारतीय नोटों के साथ गिरफ्तार किया था।उसके बाद बेतिया थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में एनआईए ने जांच की थी और एक अन्य व्यक्ति कमरुज्जमा उर्फ सलीम की सहभागिता पाते हुए दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। कमरुज्जमा ने भी अपना गुनाह कबूल कर लिया था, जिसके बाद 31 मार्च 2022 को इसी अदालत ने उसे भी आठ वर्षों के कारावास की सजा सुनाई थी।

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