बिहार

अदालत ने अपहरण व हत्या मामले में 7 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई

Admindelhi1
23 March 2024 5:22 AM GMT
अदालत ने अपहरण व हत्या मामले में 7 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई
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बेगूसराय: एडीजे मंझौल डा.दिनेश कुमार प्रधान ने कांवर क्षेत्र की हत्या एवं अपहरण के चर्चित मामले में (चेरियाबरियारपुर थाना कांड सं. 118/11) में सात अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

कोर्ट द्वारा सजा पाए अभियुक्तों में चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र के कड़ोर गांव निवासी रामाशीष सहनी, उदगार सहनी, रेशमी सहनी, भरत सहनी, नरेश सहनी, बीसो सहनी तथा चंदन सहनी शामिल है. हत्या एवं अपहरण के इस मामले में अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार ने कुल 11 लोगों की गवाही कराई.

सजा की बिंदु पर अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार ने न्यायालय से अभियुक्तों को अधिकतम सजा देने की मांग की. सेशन ट्रायल नंबर 84/12 के अभियुक्तों को भादवि की धारा 302/149 में आजीवन कारावास एवं दस हजार जुर्माना, 364/149 में आजीवन कारावास एवं 5000 रुपए जुर्माना, 148 में 2 साल की सजा 2000 रुपए जुर्माना तथा 341 में 100 रुपए जुर्माना किया गया है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सातों अभियुक्तों को न्यायालय में पेश किया गया तथा पुन सजा सुनाने के बाद वापस बेगूसराय मंडल कारा भेज दिया गया.

दो लोगों को लाठी-डंडे से पीटकर कर दी गई थी हत्या वर्ष 2011 में छह सितंबर को साढ़े 11 बजे दिन में गुआवाड़ी कांवर परिक्षेत्र में भूस्वामी सैयद मो. ताजवर के मुंशी मो. अलाउद्दीन व सिपाही पासवान की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. उस समय उक्त दोनों मुंशी सहित तीन लोग खेत में काम कर रहे थे. बदमाश झड़ी सहनी को पीटते हुए अपहरण कर अपने साथ लेते गए. झड़ी सहनी के परिजनों का कहना है कि उनकी हत्या कर शव को गायब कर दिया गया. उसका शव आज तक परिजनों को नहीं मिला है. इसके बाद थाने में एफआईआर 118/11 दर्ज कराई गई थी. इसमें 14 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. इनमें दो लोगों को पुलिस ने बरी कर दिया जबकि दो की मौत हो गई है. बाकी दस अभियुक्तों पर मुकदमा चल रहा था जिनमें सात को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है जबकि तीन अभियुक्तों पर मुकदमा चल रहा है.

आज तक नहीं मिला झड़ी सहनी का शव इस ट्रिपल मर्डर केस में दो लोगों मो. अलाउद्दीन व सिपाही पासवान की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी जबकि झड़ी सहनी को पीटते हुए अपहरण कर ले जाया गया और हत्या कर उसका शव गायब कर दिया गया. उसका शव आज तक परिजनों को नहीं मिला है.

इस हत्याकांड का जब भी जिक्र होता है तो इलाके के लोग सिहर उठते हैं. वहीं कोर्ट द्वारा ट्रिपल मर्डर के हत्यारों की सजा सुनाई जाने पर पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली.

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