गोपालगंज न्यूज़: हथुआ के एक शख्स की गोली मारकर हत्या किए जाने 11 वर्ष पुराने मामले में कुचायकोट विधायक अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय और अन्य के खिलाफ अब तक अनुसंधान पूरा नहीं होने पर एसीजेएम प्रथम सह विशेष न्यायाधीश एमपी- एमएलए मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पुलिस महानिदेशक और विशेष गृह सचिव सहित वरीय पदाधिकारियों को पत्र लिखा है.
ज्ञात हो कि हथुआ थाने के मनीछापर गांव के सुभाष साह ने कुचायकोट विधायक अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय और अन्य नामजद आरोपितों पर वर्ष 2012 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
अनुसंधान में प्राथमिकी अभियुक्त उमेश सिंह , संजय सिंह और अप्राथमिकी अभियुक्त अमीर हसन को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायिक हिरासत में दिया था. वहीं 30 जुलाई 2012 को इनके खिलाफ आरोप पत्र समर्पित कर दिया गया था. लेकिन, अन्य आरोपितों अमरेन्द्र पाण्डेय उर्फ पप्पू पांडेय, अरविंद ओझा व जलेश्वर पांडेय के विरुद्ध आईओ ने साक्ष्य नहीं पाया था.
ऐसे में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी हथुआ व मीरगंज इंस्पेक्टर ने पुलिस अधीक्षक को मृत उर्मिला पांडेय का नाम काटते हुए अमरेन्द्र पांडेय, अरविंद ओझा व जलेश्वर पांडेय के खिलाफ अंतिम प्रतिवेदन में साक्ष्य की कमी बताते हुए पूरक अनुसंधान बंद करने की अनुशंसा की थी. लेकिन पुलिस अधीक्षक ने पुलिस उपमहानिरीक्षक सारण के द्वारा इस कांड का आगे का अनुसंधान अपराध अनुसंधान विभाग, पटना से कराने की अनुशंसा भेजने की बात कहते हुए बताया कि अपराध अनुसंधान विभाग बिहार से कोई निर्देश अब तक प्राप्त नहीं हुआ है. जिसके कारण अनुसंधान अभी तक लंबित है. कोर्ट ने कहा कि पूरक आरोपपत्र की प्रतीक्षा में करीब 11 वर्षों से कुचायकोट के वर्तमान विधायक पप्पू पांडेय उर्फ अमरेंद्र कुमार पांडेय के विरुद्ध वाद लंबित चल रहा है.