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बिहार | महिलाओं पर राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के विवादास्पद बयान पर बीजेपी विधायक श्रेयसी सिंह गुस्सा हो गई। उन्होंने कहा कि हम सिद्दीकी जैसे लोगों को नेता नहीं मानते हैं..अब्दुल बारी सिद्दीकी महिलाओं से मांफी मांगे। ऐसे लोग महिलाओं को आगे बढ़ते देखना नहीं चाहते हैं इसलिए निम्न स्तर की राजनीति करते हैं।भाजपा विधायक श्रेयसी सिंह ने कहा कि महिलाओं को नीचा दिखाने वाला बयान सिद्दीकी ने दिया है। श्रेयसी ने कहा कि तीर से निकला हुआ कमान और जुबान से निकली हुईं बातें कभी वापस नहीं होती। इनके जैसे लोगों को इस बात का डर सताता है कि कही महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो देश आगे बढ़ जाएगा। श्रेयसी सिंह ने सिद्दीकी को स्वच्छ राजनीति करने का सुझाव देते हुए कहा कि महिलाओं से वो माफी मांगे। वही इस बयान के बाद अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अपनी सफाई दी है। कहा है कि इसकों लोग मुद्दा बना रहे है मुद्दा का कोई विषय नहीं था। हमारी भावना को समझना चाहिए था। जिसको हम समझाना चाह रहे हैं उसकों अंग्रेजी और ठेठ हिन्दी में नहीं समझा सकते थे। कई जगह ऐसा होता है कि बड़े-बड़े नेता भी कभी-कभी हंसी मजाक करके लोगों को समझाने की कोशिश करते हैं।
इन बातों को सहज ढंग से समझाने की कोशिश हमने भी की थी।सिद्दीकी ने सफाई देते हुए कहा कि हमारा मकसद सिर्फ इतना था कि किसी तरह लोगों को हंसा कर अपना संदेश उन तक पहुंचाना था। हमने कहा था कि जब तक आरक्षण में आपके लिए व्यवस्था नहीं होगा तब तक आपका फायदा नहीं होने वाला है। लेकिन इसके बावजूद जिन लोगों को दुख पहुंचा है हालांकि दुख पहुंचने का इशू यह नहीं था लेकिन कुछ लोग इसे लेकर मुद्दा बना रहे हैं। यदि हमारे इस बयान को लेकर किसी को हमारी बात बुरी लगी है तो हम खेद व्यक्त करते है। सिद्दीकी ने क्या कहा था जानिए…महिला आरक्षण के नाम पर लिपस्टिक वाली और बॉब कट वाली औरत चली आएगी नौकरी करने तो बाकी लोगों को हक मिलेगा।
हम तो यही कहेंगे कि महिला आरक्षण में आरक्षण मिलना चाहिए। वरना लिपस्टिक वाली और बॉब कट वाली औरत चली जाएगी तो फिर आप समझ ही रहे हैं। यह बातें हैं राजद के नेता और लाल यादव के बेहद गरीबी माने जाने वाले अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कही है। दरअसल, मुजफ्फरपुर में राजद अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के तत्वाधान में जनजाति सम्मेलन का आयोजन किया गया था इसी दौरान रजत के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आम लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि -महिला आरक्षण में अत्यंत पिछड़ा पिछड़ा वर्ग का कोटा तय कर दीजिए तब तो ठीक है वरना महिला के नाम पर लिपस्टिक वाली और बॉब कट वाली महिला चली आएगी नौकरी में तो पिछले समाज की महिला को हक और इज्जत मिलेगा। इसलिए हम तो कहेंगे कि अभी आप जो कर रहे हैं सो कर रहे हैं बाद में बिहार का अति पिछड़ा प्रकोष्ठ का एक वर्कशाॅ पी तैयार कीजिए और उसे वर्कशॉप में अलग-अलग विषय पर चर्चा कीजिए इसको लेकर सभी से ₹500 मैक्सिमम और मिनिमम ₹200 इकट्ठा कीजिए और इस चर्चा को गांव-गांव तक पहुंचाइये।इस दौरान आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने इस दौरान अपने कार्यकर्ताओं की कसम भी खिलाई कि वो टीवी और सोशल मीडिया से भी दूर रहें।अब्दुल ने कहा कि अपना दिमाग लगाए बिना टीवी और सोशल मीडिया न्यूज़ देखिएगा और उसके चक्कर में पड़िएगा तो ना ही आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी और ना ही राज पाठ बढ़ेगा।
मालूम हो कि, इससे पहले राजद के विधायक के तरफ से भी इसको लेकर विवादित बयान दिया गया था .उन्होंने कहा था कि- कम पढ़ी लिखी महिला राज्यसभा में जाएगी या लोकसभा में जाएगी तो वो न तो इस बिल के बारे में कुछ समझ पाएगी। इसलिए इस बिल के अंदर भी कोटा तय होना होना चाहिए। इसलिए अगर केंद्र सरकार सही मायने में महिला को हक़ देना चाहती है तो फिर आरक्षण के अंदर आरक्षण तय करें।आपको बताते चलें कि, बिहार और यूपी में फिलहाल ठाकुर के कुआँ को लेकर विवाद चल रहा है राजद के अंदर इसको लेकर दो गुट तैयार हो गया है। एक गुट के नेता इस कविता को सही बता रहे हैं तो वहीं दसूरे गुट के नेता इसे गलत और समाज में हिंसा बढ़ाने वाला बयान बताया जा रहा है। इसके बाद अब महिला आरक्षण बिल को लेकर यह नया विवाद पैदा कर दिया गया है। ऐसे में अब राजद विरोध के सुर में खुद से ही खुद की बातों में फंसती हुई नजर आ रही है।
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Harrison
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