बेगूसराय न्यूज़: भौगोलिक दृष्टिकोण से नगर निगम 45 वार्डों में विभक्त है. निगम के एक सर्वे में निगम क्षेत्र में लगभग 40 हजार 253 घर चिह्नित हैं. इनमें से मात्र 14 हजार 531 घरों का ही आंकड़ा निगम के पास उपलब्ध है. अर्थात इतनें घरों का टैक्स का निर्धारण हो चुका है.
इनमें से 8732 हाउस वालों ने ही वर्ष 2022-23 के लिए निगम को टैक्स जमा किया है. वहीं 5429 घर के मालिकों के यहां से टैक्स आना बाकी है. कुल सर्वे किये गये घरों में से 25 हजार 722 घरों का रिकॉर्ड निगम के पास उपलब्ध नहीं है. या यूं कहा जाय कि इन घरों का अबतक टैक्स का निर्धारण नहीं हो सका है. ये घर किनके नाम पर है. घर के कौन मालिक हैं. कितना टैक्स निर्धारण होना चाहिए यह स्पष्ट नहीं है.
17 जुलाई को निगम कार्यालय से निर्गत सर्वे रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022-23 के लिए नौ करोड़ 11 लाख 54 हजार रुपये वसूली का लक्ष्य निर्धारित है. पिछले साल सात करोड़ लक्ष्य के विरूद्ध आठ करोड़ छह लाख रुपये की वसूली की गयी थी. खास बात यह है कि 45 वार्डों में वार्ड नौ व वार्ड 14 का अभी सर्वे तक नहीं हुआ है. इन दोनों वार्डों में कितने आवास हैं यह आंकड़ा अभीतक निगम के पास नहीं है व न ही निगम को इन दोनों वार्डों से होल्डिंग टैक्स जमा हो रहा है.
वर्ष 2011 के चुनाव से पहले 10 पंचायतों को बनाया गया निगम का हिस्सा वर्ष 2009 में बलिया के बरबीघी में सीएम नीतीश कुमार ने बेगूसराय को नगर निगम बनाने की घोषणा की. उसके बाद सदर प्रखंड की 10 पंचायतों को निगम का हिस्सा बनाया गया. इनमें से पनहासं, सिंघौल, उलाव, पसपुरा, महमदपुर रघुनाथ, कैथमा, मोहन एघु, इटवा, डुमरी व विशनपुर बहोर.
इन पंचायतों से बनाये गये वार्डों में निगम को करीब 80 प्रतिशत टैक्स नहीं आ रहा है.