बिहार

लाखों खर्च के बाद भी कोरोना का इलाज पुराने हथियारों से ही होगा

Admin Delhi 1
4 April 2023 10:04 AM GMT
लाखों खर्च के बाद भी कोरोना का इलाज पुराने हथियारों से ही होगा
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भागलपुर न्यूज़: कोरोना मरीजों के इलाज में बेहतरी से लेकर उनकी सुविधाओं के इजाफा के लिए सरकार ने बीते तीन साल में लाखों रुपये खर्च किये. टूटती सांसों को थामने व ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक-दो नहीं बल्कि तीन ऑक्सीजन प्लांट लगाए गये. आलम यह है कि कोरोना संक्रमितों का अस्पताल अधूरा है तो एक ऑक्सीजन प्लांट बंद तो दूसरे से रिफिलिंग का काम बंद है. मशीनें स्टोर में पड़ी-पड़ी धूल फांक रही हैं. जब देश में बढ़ रहे कोरोना के मामले को लेकर सरकार व विभाग अलर्ट मोड पर है. ऐसे में अगर जिले में कोरोना संक्रमण का मामला बढ़ता है और मरीजों को इलाज के लिए मायागंज अस्पताल आना होगा तो ये बात तय है कि फिर से पुरानी सुविधाओं के आधार पर ही कोरोना से जंग मायागंज अस्पताल में लड़ी जाएगी.

साल 2021 में ही मायागंज अस्पताल में 100 बेड का फैब्रिकेटेड अस्पताल बनाने का निर्णय हुआ. इसके तैयार हो जाने के बाद कोरोना मरीजों को एमसीएच यानी मातृ एवं शिशु अस्पताल में भर्ती कर इलाज करने की जरूरत नहीं पड़ती. परंतु आज आलम यह है कि फैब्रिकेटेड अस्पताल का शेड तो तैयार हो गया है, लेकिन इसे पूरी तरह से कंप्लीट होने में अभी वक्त लगेगा. ऐसे में अगर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो एमसीएच बिल्डिंग में जहां कोरोना मरीजों का इलाज करना पड़ेगा तो संक्रमण के मामले बढ़ने पर इंडोर में सामान्य मरीजों का इलाज तक बंद करना पड़ जाएगा. कोरोना की दूसरी लहर जब आयी थी तो मायागंज अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी तो नहीं हुई थी, लेकिन ऑक्सीजन का बेहतर फ्लो की समस्या जरूर आई थी. इस वक्त तक ऑक्सीजन की आपूर्ति मुजफ्फरपुर व अकबरनगर स्थित निजी ऑक्सीजन प्लांट से होती थी. इसके बाद मायागंज अस्पताल में दो हजार एलपीएम का पीएसए ऑक्सीजन प्लांट, 20 केएलडी का क्रॉयोजनिक ऑक्सीजन प्लांट व 300 एलपीएम का पीएसए ऑक्सीजन प्लांट न केवल तैयार किया गया. बल्कि तीनों मॉक ड्रिल में पास भी हो गये. 20 केएलडी का क्रॉयोजनिक ऑक्सीजन प्लांट तो काम कर रहा है, लेकिन दो हजार एलपीएम क्षमता का पीएसए ऑक्सीजन प्लांट सर्विसिंग के अभाव में 14 नवंबर 2022 से बंद है. जबकि 300 एलपीएम वाले ऑक्सीजन प्लांट से जंबो सिलेंडर में ऑक्सीजन की रिफिलिंग इसलिए नहीं हो रही है, क्योंकि तकरीबन सवा साल पहले एनओसी के लिए भेजे गये आवेदन को अबतक अग्निशमन विभाग से मंजूरी नहीं मिली है.

27 वेंटिलेटर पड़े हैं स्टोर में

तीन साल पहले सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए मायागंज अस्पताल प्रशासन को 27 वेंटिलेटर दिए थे. कोरोना जब बढ़ा तो कहा गया कि जब तक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल तैयार नहीं होता है तब तक इसका इस्तेमाल कोरोना मरीजों के इलाज में किया जाए. से वेंटिलेटर स्टोर रूम में ही हैं.

एनआरएल के अधिकारी तुषार रंजन से बात हुई है. एनओसी के लिए लगातार पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला. -डॉ. महेश कुमार, नोडल प्रभारी, ऑक्सीजन प्लांट

ऑक्सीजन प्लांट में जेनरेटर संचालन का इकरारनामा रद्द

मायागंज अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट को जेनरेटर के जरिये बिजली देने का इकरारनामा रद्द कर दिया गया है. इस बाबत जेनरेटर का संचालन कर रही एजेंसी अंतरा इंटरप्राइजेज को अस्पताल अधीक्षक ने पत्र जारी किया है. अधीक्षक डॉ. उदय नारायण सिंह ने कहा है कि विभाग द्वारा आश्वासन मिला है कि अस्पताल में बिजली बाधित नहीं होगी. ऐसे में सामान्य परिस्थितियों में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए जेनरेटर की जरूरत नहीं है.

ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. फैब्रिकेटेड अस्पताल निर्माण की समीक्षा की जा रही है. -डॉ. उदय नारायण सिंह, अधीक्षक, मायागंज अस्पताल

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