बिहार

सिमरिया धाम के विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार में समन्वय जरूरी

Admin Delhi 1
29 Jun 2023 11:25 AM GMT
सिमरिया धाम के विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार में समन्वय जरूरी
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बेगूसराय न्यूज़: सिमरिया घाट पर केंद्र व राज्य सरकार की अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही हैं. लेकिन, इन दोनों योजनाओं को लेकर केंद्र व राज्य सरकार में कोई समन्वय नहीं दिखता है. सिमरिया घाट के संपूर्ण विकास के लिए समन्वय बनाकर एक सम्यक योजना की जरूरत है. तभी सिमरिया घाट का स्वरूप हरिद्वार जैसा दिखेगा. वर्तमान नीति से यही लगता है कि सिमरिया घाट के विकास का कोरम पूरा किया जा रहा है. ये बातें गंगा समग्र के उत्तर बिहार प्रांत के संयोजक सह एमएलसी सर्वेश कुमार शहर के श्रीकृष्णनगर में पत्रकारों से बात करते हुए कहीं. उन्होंने कहा है कि सिमरिया में राज्य सरकार की ओर से 550 मीटर में घाट व सौंदर्यीकरण की योजना स्वीकृत की गई है जो राजेन्द्र पुल व एनएचएआई के रोड सह सड़क पुल के बीच है. केंद्र सरकार ने नमामि गंगे योजना से 63 मीटर घाट की स्वीकृति दी है जो एनएचएआई के रोड से पूरब है. राजेन्द्र पुल से पश्चिम के भूभाग में कोई योजना नहीं है. यह क्षेत्र बिल्कुल उपेक्षित छोड़ दिया गया है. पश्चिम क्षेत्र में श्रीराम घाट तक लोग बड़ी संख्या में स्नान करने आते हैं. इसलिए 1500 मीटर में घाट बननी चाहिए.

सिमरिया घाट की बंदोबस्ती पर रोक लगे विधान पार्षद ने सिमरिया घाट की बंदोबस्ती पर रोक लगाने की भी मांग की. कहा कि इसके चलते ठेकेदार वाहन पार्किंग व दुकान के अस्थायी किराये के नाम पर मोटी रकम वसूलते हैं. दाह संस्कार करने पहुंचे लोगों से लकड़ी की कीमत बाजार रेट से चार गुना अधिक वसूला जाता है. इसी तरह अन्य धार्मिक संस्कार करने पहुंचे लोगों से भी अन्य सामान मूल्य दो से चार गुना अधिक दर पर मिलता है. दाह संस्कार के लिए सिमरिया मोक्ष धाम में लकड़ी की कीमत निकट के बीहट बाजार से चौगुनी है. वन विभाग की ओर से लकड़ी का डिपो खुले व गोकाष्ट की व्यवस्था भी हो. इसके साथ ही गंगा आश्रित डोम राजा के साथ वार्ता कर आग के लिए एक दर निर्धारित की जाए. उन्होंने हर्ल, बरौनी रिफाइनरी, एनटीपीसी के सीएसआर फंड से सिमरिया घाट के विकास पर जोर दिया. कहा कि सीएसआर फंड के चेयरमैन डीएम होते हैं. उन्हें पहल करनी चाहिए. पूर्व के डीएम अरविंद वर्मा ने 37 करोड़ की योजना के लिए प्रस्ताव भेजा था. हालांकि, कार्य नहीं हो पाया. इसके लिए फिर से प्रयास करने की जरूरत है.इस मौके पर गंगा समग्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ लल्लू बाबू ने कहा कि राज्य सरकार के लिए गंगा सिर्फ राजस्व उगाही का जरिया है. यह मानव हित में खतरनाक है. गंगा घाट के विकास व इसके संरक्षण पर विचार हो. मौके पर गंगा समग्र के जिला संयोजक अवधेश कुमार, प्रांत के कोषाध्यक्ष गोपाल कुमार व प्रेम शंकर आदि उपस्थित थे.

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