बिहार

NMCH अधीक्षक को निलंबित करने के बाद तकरार की स्थिति

Shantanu Roy
17 Oct 2022 11:04 AM GMT
NMCH अधीक्षक को निलंबित करने के बाद तकरार की स्थिति
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पटना। बिहार सरकार एक चिकित्सक को दो दिन पहले निलंबित करने के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के आदेश को लेकर रविवार को चिकित्सा समुदाय के साथ टकराव मोल लेती प्रतीत हुई। तेजस्वी के पास चिकित्सा विभाग का भी प्रभार है। उन्होंने डेंगू के प्रसार से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार रात कई सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। वह नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एनएमसीएच) में स्थिति को देखकर अप्रसन्न हो गए और इसके अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह को निलंबित कर दिया, जिन्होंने कार्रवाई को अनुचित बताया। एनएमसीएच शहर का दूसरा सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान है। डॉ. विनोद कुमार सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ''मुझे यह सोचना पड़ेगा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ काम करना जारी रखूं या नहीं, जो मेरे जैसे वरिष्ठ प्राध्यापक से सम्मान के साथ व्यवहार नहीं करे। अभी, बिहार के किसी भी सरकारी अस्पताल की तुलना में एनएमसीएच में सर्वाधिक संख्या में मरीज विभिन्न वार्ड में भर्ती हैं।'' उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि उपमुख्यमंत्री अस्पताल शौचालयों के खराब रखरखाव को लेकर उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जबकि यह ''मेरी ड्यूटी नहीं है, बल्कि पटना नगर निगम कई बार शिकायतें किए जाने के बावजूद सुनने को तैयार नहीं है।''
अधीक्षक ने तेजस्वी की नाराजगी पर जताई हैरानगी
अधीक्षक ने डेंगू के मरीजों को अन्य रोगों से ग्रसित लोगों के वार्ड में रखे जाने पर उपमुख्यमंत्री की नाराजगी को लेकर हैरानगी जताई। उन्होंने कहा, ''डेंगू एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण है, जो एक मरीज से दूसरे मरीज तक सीधे तौर पर संचरित नहीं होता है। इसलिए, यह कोई समस्या नहीं है।'' इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी सिंह के समर्थन में उतरते हुए कहा कि राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजा गया है तथा इस विषय को लेकर अदालत जाने का संकल्प लिया। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा, ''निलंबन बगैर सोच विचार के लिया गया फैसला है जिसे सरकार को वापस लेना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ''मैंने निलंबन को लेकर एसोसिएशन की नाराजगी से अवगत कराते हुए ईमेल भेजे थे। पीड़ित पक्ष के अदालत का रुख करने पर हम इस मामले में पूरा सहयोग करेंगे। हालांकि, हमने चिकित्सकों को हड़ताल पर जाने से दूर रहने को कहा है क्योंकि इससे मरीज प्रभावित होंगे।''
IMA इस विषय को कहीं भी ले जाने को स्वतंत्रः तेजस्वी
आईएमए अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलने को इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, ''निलंबन आदेश वापस लेना सरकार के लिए भी अच्छा रहेगा।'' इस बीच, युवा उपमुख्यमंत्री ने गांधी मैदान में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ''आईएमए इस विषय को जहां चाहे, ले जाने को स्वतंत्र है। वे मेडिकल पेशे के लोगों का पक्ष लेंगे, लेकिन हम जन प्रतिनिधि हैं और जनहित में काम करेंगे।'' तेजस्वी ने कहा, ''मेरे पास 705 चिकित्सकों की एक सूची है जो लंबे समय से ड्यूटी से अनुपस्थित हैं। कुछ मामलों में यह अवधि 10-12 साल की है। क्या आईएमए उनके खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार के साथ खड़े होने की हिम्मत दिखाएगा।''
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