बिहार

थम नहीं रहा केके पाठक के वायरल वीडियो से पैदा विवाद

Admin Delhi 1
8 Feb 2023 7:39 AM GMT
थम नहीं रहा केके पाठक के वायरल वीडियो से पैदा विवाद
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पटना न्यूज़: उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की बैठक से जुड़े दो वायरल वीडियो से पैदा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अलावा भवन निर्माण मंत्री सह जदयू नेता अशोक चौधरी और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री सह राजद नेता आलोक मेहता नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. गौरतलब है कि इस मामले में बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने श्री पाठक के खिलाफ सचिवालय थाने में सनहा भी दिया था. सिटी मध्य एसपी ने सरकार से अनुमति लेकर इसकी जांच कराए जाने की बात कही है. उधर, बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के पदाधिकारी इस मामले में लगातार श्री पाठक का विरोध कर रहे हैं. बिप्रसे समेत अन्य सेवाओं के पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में बासा कार्यालय के सामने एकत्र होकर विरोध के तौर पर उपवास किया.

सुबह 11 बजे से पदाधिकारियों का शुरू हुआ यह उपवास दोपहर तक चला. इनके मुताबिक इसका मकसद अपर मुख्य सचिव का मानसिक शुद्धि करना है. इस उपवास कार्यक्रम में नई दिल्ली के अखिल भारतीय राज्य प्रशासनिक सेवा संघ, बिहार शिक्षा सेवा संघ, बिहार अवर अभियंत्रण सेवा संघ, बिहार वित्त सेवा संघ, बिहार पुलिस सेवा संघ, बिहार अराजपत्रित कर्मचारी सेवा संघ और बिहार अराजपत्रित कर्मचारी सेवा संघ, गोप गुट से जुड़े सभी पदाधिकारी शामिल हुए. इन सभी संघों से जुड़े अलग-अलग सेवा के पदाधिकारियों ने भी बिप्रसे के पदाधिकारियों के आंदोलन को नैतिक समर्थन दिया है. साथ ही, इसमें शामिल होकर इनका सशक्त तरीके से समर्थन किया. इस उपवास कार्यक्रम के दौरान सभी संघों के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से राज्य के सभी सेवा संघ एवं बिहार के बुद्धिजीवियों को भी वायरल वीडियो में बिहार एवं बिहारियों के बारे में अपशब्द कहने को लेकर अधिकारी के खिलाफ लामबंद करने का निर्णय लिया गया. वरीय आईएएस अधिकारी केके पाठक के खिलाफ चल रहे इस आंदोलन को आने वाले समय में अधिक तेज किया जाएगा.

कार्रवाई नहीं की गयी तो बासा कोर्ट में मुकदमा दायर करेगा

बासा महासचिव सुनील कुमार तिवारी की तरफ से सचिवालय थाने में दायर प्रथम सूचना प्रतिवेदन को सनहा में तब्दील करके सामान्य प्रशासन विभाग से एफआईआर दर्ज करने के लिए अनुमति मांगने के मामले का पुरजोर विरोध किया. अगर इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी, तो बासा न्यायालय में मुकदमा दायर करेगा. बासा अध्यक्ष शशांक शेखर सिन्हा ने बताया कि सर्वसम्मति से बासा पदाधिकारियों को इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए सभी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है.

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