पटना: पटना हाईकोर्ट के कार्रवाई नहीं करने के आदेश के न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की विशेष कोर्ट ने सुनवाई की.
विशेष कोर्ट ने पटना नगर निगम के आयुक्त से कई सवाल भी किए. उनके हर सवाल के जवाब को अपने आदेश में दर्ज करने के साथ नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता व पटना स्मार्ट सिटी के परियोजना निदेशक के विरुद्ध अवमानना केस शुरू करने का आदेश दिया. राज्य सरकार का पक्ष अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने रखा. एक जमीन को लेकर विवाद है. जब निगम ने इसे तोड़ने के लिए निर्देश दिया तब आवेदक ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. एकलपीठ ने अर्जी को खारिज कर दिया. इस फैसले को एलपीए (अपील) दायर कर चुनौती दी गई.
क्या सभी केसों में ऐसे ही कार्रवाई की जाती है
आयुक्त ने अपने बचाव में कहा कि हाईकोर्ट में निगम का पक्ष रखने वाले वकील ने उन्हें सूचित किया कि आवेदक का एलपीए खारिज हो गया है. जब कोर्ट ने उनसे पूछा कि क्या सभी केसों में इसी तरह से कार्रवाई की जाती है तो उन्होंने कहा नहीं. कोर्ट ने सभी सवाल व जवाब को दर्ज कर आगे की कार्रवाई के लिए न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के पास भेज दिया.