सिवान: चिकित्सक की त्रुटि पूर्ण सेवा व लापरवाही बरते जाने के मामले को लेकर उपभोक्ता आयोग ने डॉ. वकील सिंह चौहान को 8,30,000 रुपये दो माह के अंदर जमा करने का आदेश दिया है.
आयोग ने विपक्षी डॉ वकील सिंह चौहान को शिकायतकर्ता के पुत्र की त्रुटि पूर्ण सेवा में छह लाख, एक लाख बीस हजार मेडिकल खर्च, एक लाख मानसिक क्षति व दस हजार विधिक खर्च के रूप में कुल 8,30000 दो माह के अंदर जमा करने का आदेश दिया. साथ ही, आदेश का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. मामला जिले के गुठनी प्रखंड से जुड़ा है. स्थानीय राम जनक राम ने बीमार पुत्र को इलाज के लिए गुठनी स्थित डॉ. वकील सिंह चौहान के यहां 100 रुपये फी देकर 15 दिसंबर 15 को दिखलाया. इलाज के क्रम में डॉ. ने शिकायतकर्ता के पुत्र अनिल कुमार का हाइड्रोसील का तुरंत ऑपरेशन करने की सलाह दी. शिकायतकर्ता ने डॉ. को ऑपरेशन फी व उनके द्वारा लिखी दवाईयों को खरीदा.
चिकित्सक ने बिना किसी जांच के ही शिकायतकर्ता के पुत्र का ऑपरेशन कर दिया. ऑपरेशन के बाद भी अनिल कुमार स्वस्थ नहीं हुए, साथ ही दर्द बढ़ता गया. डॉ. चौहान ने अभिभावक की अनुमति के बिना अनिल का एक अंडकोष निकाल दिया. शिकायतकर्ता ने चिकित्सक से इसकी शिकायत करते हुए कहा कि अब उनका बेटा संतान उत्पन्न नहीं कर सकता. वहीं डॉ. वकील सिंह चौहान ने शिकायतकर्ता को बताया कि इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. इधर, अनिल कुमार की स्थिति लगातार बिगड़ती गई. अंतत डॉ. चौहान ने मरीज को बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया, लेकिन वहां चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने से शिकायतकर्ता राम जनक राम ने अपने बेटे को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर अनिल को गोरखनाथ हॉस्पिटल में पिता ने भर्ती कराया, लेकिन मरीज की स्थिति खराब होती गई और मौत हो गई.