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बिहार | गांधी जयंती पर दो अक्टूबर को बिहार सरकार की ओर से जातीय गणना की रिपोर्ट जारी कर दी गयी है. इसमें भी नेताओं के बीच श्रेय लेने की होड़ मच गई है.
सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि यह तो बिहार में तत्कालीन एनडीए सरकार की देन है. एनडीए के शासनकाल में जातीय गणना की बात की गई थी. बेवजह इसमें राजद के लोग आपाधापी मचाए हुए हैं.
वहीं, नगर विधायक संजय सरावगी ने कहा कि बिहार में जातीय गणना की बात एनडीए के शासनकाल में हुई थी और इसे स्वीकृति भी मिली थी. जिस सरकार में जातीय गणना को स्वीकृति मिली उस सरकार के मंत्रिमंडल में 15 मंत्री भाजपा व जदयू के थे. फिर राष्ट्रीय जनता दल इसमें श्रेय लेने की बात क्यों कर रहा है. भाजपा जिलाध्यक्ष जीवछ सहनी ने कहा कि जातीय गणना एनडीए शासन की देन है. उस समय नीतीश कुमार भाजपा के साथ थे. आज राजद अपने को तीसमार खां समझ रहा है, ऐसा कुछ नहीं है.
उधर, राजद जिलाध्यक्ष उदय शंकर यादव ने जातीय गणना की रिपोर्ट का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का यह स्वागतयोग्य कदम है. इसकी जितनी सराहना की जाए वह कम है. वहीं, जदयू जिला अध्यक्ष गोपाल मंडल ने भी जातीय गणना की रिपोर्ट का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि अब इस जातीय गणना की रिपोर्ट के आधार पर सभी समाज के लोगों को उचित हिस्सेदारी मिल सकेगी. उधर, जदयू के प्रदेश प्रवक्ता व बंनीपुर विधायक प्रो. विनय चौधरी ने कहा कि गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की जनता से किया अपना सबसे बड़ा वादा पूरा. मुख्यमंत्री के इस ऐतिहासिक कार्य के लिए हम संपूर्ण मिथिला वासियों की तरफ से उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं.
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Harrison
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