बक्सर न्यूज़: नगर की सरकारी जमीन एवं काव नदी की जमीन का अतिक्रमण व बिक्री धड़ल्ले के साथ की जाती है. ऐसी शिकायत प्रमंडलीय आयुक्त पटना के पास लोक शिकायत निवारण कानून के तहत पहुंची हुई थी. कई बार सुनवाई के बाद इस माह के 4 जनवरी को लोकायुक्त ने आदेश दिया कि काव नदी सिंचाई विभाग व केसर-ए-हिन्द की सरकारी जमीन की भविष्य में रजिस्ट्री नहीं होगी.
साथ ही भू-माफियाओं द्वारा खरीदी गई जमीन को रद्द करने का आदेश भी दिया है. लोकायुक्त ने डीएम को आदेश दिया है कि संबंधित कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई करें.
गौरतलब है कि नगर परिषद की ढुलमुल नीति के कारण कई ऐसे सरकारी जमीन है, जिसका अतिक्रमण कर अवासीय घर तक बना लिया गया है. इतना ही नहीं अधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत से जमीन की रजिस्ट्री तक करा ली गई है. यहां तक कि सेंट्रल नाला का अतिक्रमण से धीरे-धीरे वजूद मिट रहा है. आयुक्त ने सुनवाई के दौरान इस बात का भी खुलासा किया कि जमीन का निरीक्षण तक नहीं किया जाता है और बिक्री हो जाती है. आयुक्त को जिला प्रबंधक पदाधिकारी के सुनवाई के दौरान प्रतिवेदित किया गया है कि जमीन प्रविष्टी का कम्प्यूटर पर रोक लगा दिया गया है. लोकायुक्त का यह आदेश आते ही भू-माफियों में हड़कंप मच गया है.